इंतजार करते रह गए किसान, नहीं आया मूंग का बीज, निकला बिजाई का समय
दलहन की फसलों को बढ़ावा और जल संरक्षण को लेकर हर साल प्रदेश सरकार की ओर से मूंग की बीज उपलब्ध करवाई जाती थी। लेकिन इस बार किसानों को बीज नहीं मिल पाई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : दलहन की फसलों को बढ़ावा और जल संरक्षण को लेकर हर साल प्रदेश के किसानों को खरीफ के सीजन की शुरुआत में मूंग का बीज निशुल्क वितरित किया जाता था। इस बार किसानों को मूंग का ये बीज नहीं मिल पाया। किसान इंतजार करते रह गए। अब बिजाई का समय भी निकल चुका हैं। बीज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत किसानों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलता था।
गौरतलब है कि पानीपत जिले में 62 हजार के करीब छोटे व बड़े किसान हैं। किसानों की ओर से हर वर्ष रबी व खरीफ सीजन के तहत फसलों की बिजाई की जाती है। किसान कई फसलों का उत्पादन करते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा गेहूं व धान की रोपाई-बिजाई करते हैं। खरीफ के सीजन में ज्यादातर धान की रोपाई की जाती है। इसमें पानी की ज्यादा लागत होती है। ऐसे में किसान धान की ज्यादा खेती न करें और दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के साथ जल संरक्षण किया जा सके, इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से हर साल किसानों को एनएफएसएम स्कीम के तहत निशुल्क मूंग का बीज दिया जाता था। लेकिन इस बार किसानों को मूंग का बीज नहीं मिल पाया। इसे कोरोना महामारी की देन कहें या कोई और कारण। निकल गया बिजाई का समय
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो 20 से 30 अप्रैल के बीच मूंग की बिजाई का एकदम सटीक समय होता है। अब मूंग बिजाई का समय निकल चुका है। अगर कोई पछैती बिजाई करता भी है तो उसमें कम उत्पादन की संभावना रहती हैं। काफी किसानों ने समय पर बिजाई की है। मूंग की खेत में जुताई करने पर जमीन की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है। करीब 1300 हेक्टेयर में होती है मूंग की बिजाई
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी के मुताबिक जिले में हर साल करीब 1300 हेक्टेयर में मूंग की बिजाई की जाती है। जबकि ढेंचे की बिजाई 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में होती है। इस बार ढैंचा की बिजाई का लक्ष्य 22 हजार हेक्टेयर रखा गया। लेकिन मूंग का बीज न आने पर ढेंचा की बिजाई लक्ष्य से ज्यादा होने की संभावना हैं। अबकी बार नहीं आया मूंग का बीज
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीरेंदर आर्य ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को निशुल्क मूंग का बीज मिलता था। इस बार अभी तक बीज नहीं आया। फिर भी जिले में कुछ किसानों ने मूंग की बिजाई की है। उन्होंने कहा कि मूंग का बीज न आने पर ढेंचा के रकबे में बढ़ोतरी जरूर होगी। क्योंकि काफी किसान मूंग की खेत में जुताई कर हरी खाद बनाते हैं।