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आरटीआइ का जवाब न देना निगम को पड़ा भारी, सूचना आयुक्त ने उठाया सख्त कदम

राज्य सूचना आयुक्त शिवरमन गौड़ ने एक मामले में सुनवाई करते हुए आरटीआइ कार्यकर्ता को सूचना न मिलने पर नगर निगम को चार हजार रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 02:13 PM (IST)
आरटीआइ का जवाब न देना निगम को पड़ा भारी, सूचना आयुक्त ने उठाया सख्त कदम
आरटीआइ का जवाब न देना निगम को पड़ा भारी, सूचना आयुक्त ने उठाया सख्त कदम

पानीपत, जेएनएन। राज्य सूचना आयुक्त शिवरमन गौड़ ने एक मामले में सुनवाई करते हुए आरटीआइ कार्यकर्ता को सूचना न मिलने पर नगर निगम को चार हजार रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता एवं भारतीय क्रांतिकारी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने बताया कि आरटीआइ एक्ट- 2005 के तहत 20 मई 2016 को नगर निगम पानीपत से हाली पार्क में हुए खर्च से संबंधित जानकारी मांगी थी। इसमें 2009 से 2016 तक खर्च का ब्यौरा मांगा था। नगर निगम के सूचना अधिकारी ने इसकी जानकारी नहीं दी।

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प्रथम अपील में भी जानकारी नहीं दी। राज्य सूचना आयुक्त शिव रमन गौड़ ने तीन साल की सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया। बड़ा मामला, छोटा जुर्माना दिलबाग देशवाल ने सूचना आयुक्त के फैसले पर नाखुशी जताई है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के बड़े मामले को चार हजार रुपये का जुर्माना लगाकर निपटा दिया। जबकि इसकी जानकारी अधिकारी जान बूझकर नहीं दे रहे। सरकार को आरटीआइ के कानून और अधिक सख्त बनाने की मांग की है।  


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