निगम का गबड़झाला, कम काम का ज्यादा भुगतान कर डाला
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम अधिकारियों का एक और गड़बड़झाला सामने आया है। बेटियों की शिक्षा
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम अधिकारियों का एक और गड़बड़झाला सामने आया है। बेटियों की शिक्षा की आवाज उठाकर देश का गौरव बने मशहूर शायर अल्ताफ हुसैन हाली के नाम पर बने पार्क और झील को पर्यटक स्थल बनाने के प्रोजेक्ट में ही गड़बड़झाला कर दिया। सीएम की घोषणा के बाद शुरू हुए 23.40 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की पहली किश्त जारी करते ही भंडाफोड़ भी हो गया। मेयर सुरेश वर्मा शिकायत के बाद पार्क पहुंचे। उन्होंने भी वहां का हाल देख सवाल उठाए। एसई रमेश कुमार, एक्सईएन राजेश कौशिक और आरडी शर्मा सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे। इन अधिकारियों ने खुद को बचाते हुए एक अन्य एक्सईएन को भेज दिया।
मेयर सुरेश वर्मा शुक्रवार दोपहर बाद करीब तीन बजे हाली पार्क पहुंचे। उन्होंने पार्क के नवनिर्माण कार्य की स्थिति देखी। काम करने वाली कंपनी और निगम अधिकारियों से जानकारी ली। करीब पौने घंटे तक अलग-अलग प्वाइंटों की जानकारी ली। इस दौरान कंपनी ने अब तक के काम के अनुरूप करीब दो करोड़ रुपये जारी करने की बात रखी। इस पर निगम अधिकारियों ने बताया कि 1.60 करोड़ रुपये की पहली किश्त दे दी गई है।
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23.40 करोड़ की लागत से मिलेगा मूर्त रूप
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाली पार्क को पिछले दिनों पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। निगम ने 23.40 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया था। मंजूरी मिलने के बाद निगम ने गत 18 जनवरी को सुरेश कुमार, राजपाल ¨सह व राजेश की पार्टनरशिप वाली जय श्री बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को 20 महीने में काम पूरा करने की शर्त के साथ वर्क ऑर्डर दिया था।
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ये मिलेंगी सुविधा
-हाली पार्क में पुरानी झील को नया रूप दिया जाएगा।
-एक हिस्से में फ्लैग स्टाफ बनाया जाएगा।
-झील में नाव चलेंगी।
-पब्लिक प्लाजा, ओपन एयर थियेटर, रेस्टोरेंट व ओपन जिम समेत करीब 200 प्रकार की सुविधा दी जाएंगी।
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कॉस्ट निकालने और मैटेरियल की गुणवता जांचने का आदेश
मेयर ने बताया कि हाली पार्क के निर्माण में कम काम पर ज्यादा पेमेंट करने और कंपनी द्वारा धीमा काम करने की शिकायत मिली थी। एसई व दो एक्सईएन सूचना के बाद भी निरीक्षण में नहीं पहुंचे, जबकि दोनों एक्सईएन इसकी देखरेख कर रहे हैं। शिकायत के अनुसार निगम ने कंपनी को दो करोड़ रुपये की पहली किश्त दे दी, जबकि कंपनी ने इतना काम नहीं किया है। निरीक्षण में भी काम संतोषजनक नहीं मिला। कंपनी के काम की कॉस्ट और मैटेरियल की गुणवता की जांच कराई जाएगी। निगम के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट में लगे अधिकारियों के बजाय दूसरे अधिकारियों की कमेटी बना बनाएंगे। इसका मूल्यांकन भी कराएंगे।
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कंपनी बोली- काम में नहीं कमी
जय श्री बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के पार्टनर राजपाल ¨सह ने बताया कि कंपनी गुणवत्तायुक्त सामग्री का प्रयोग कर रही है। निगम अधिकारी भी समय-समय पर इसकी जांच कर रहे हैं। कंपनी इंजीनियर भी हर समय मौके पर रहते हैं। वे 16 महीने में पूरा करने के प्रयास में हैं।
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अधिकारियों की सफाई- थर्ड पार्टी से करा रहे जांच
नगर निगम के एमई अजीत गर्ग ने बताया कि कंपनी ने करीब 1.82 करोड़ का काम किया है। निगम ने पहली किश्त में 1.60 करोड़ रुपये दिए हैं। एनआइटी कुरुक्षेत्र और थर्ड पार्टी से मैटेरियल की जांच कराई गई है। इनकी रिपोर्ट में मैटेरियल गुणवत्तायुक्त मिला है।