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पंजाब से आए गोताखोरों को मिला नरेश का शव, वारदात स्थल से 60 किमी दूर नहर में पड़ा था

सात दिन बाद 60 किमी दूर नहर में प्रॉपर्टी डीलर नरेश शर्मा का शव मिला। साले सुरेश शर्मा ने जूतों से की शव की शिनाख्त की।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 10:38 AM (IST)
पंजाब से आए गोताखोरों को मिला नरेश का शव, वारदात स्थल से 60 किमी दूर नहर में पड़ा था
पंजाब से आए गोताखोरों को मिला नरेश का शव, वारदात स्थल से 60 किमी दूर नहर में पड़ा था

पानीपत, जेएनएन। सात दिन बाद बुधवार दोपहर बाद प्रॉपर्टी डीलर नरेश शर्मा का गला-सड़ा शव वारदात स्थल से 60 किलोमीटर दूर सोनीपत के कासंडी गांव के पास नहर में मिला। साले सुरेश शर्मा ने शव की शिनाख्त जूतों से की। पंजाब के पटियाला से बुलाए गए गोताखोर की मदद से शव को नहर से बाहर निकलवाया।   

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सुरेश शर्मा ने बताया कि पंजाब से चार गोताखोरों बुला रखे थे। इनमें से दो गोताखोरा दिल्ली, एक रोहतक और एक बुढऩपुर के पास नगर में नरेश शर्मा की तलाश कर रहा था। नगर निगम के गोताखोर भी लगे हुए थे। बुढऩपुर गांव के पास नहर से गोताखोरों ने दो देसी पिस्तौल और दो बाइक निकालकर सीआइए-टू को सौंप दी। 2:15 बजे वह और गोताखोर आशु मलिक कासंडी के पास नहर की पटरी से गाड़ी से जा रहे थे। उन्हें नहर में शव दिखाई दिया और वीडियो बनाई। डेढ़ किलोमीटर दूर पुलिया के नीचे शव फंसा तो आशु ने रस्सी के जरिये शव को बाहर निकाला। मुंह मिट्टी से सना था। जूतों व कपड़ों से उसने अपने जीजा के शव की शिनाख्त की। शव को सामान्य अस्पताल लाया गया। अस्पताल में कांग्रेस नेता वीरेंद्र उर्फ बुल्ले शाह सहित शहर के कई मौजिज लोग मौजूद रहे। 

बता दें कि 2018 में पुलकित ने अपने दोस्त नरेश शर्मा ने पांच रुपये प्रति सैंकड़ा के हिसाब से 15 लाख रुपये ब्याज पर ले रखे थे। इनमें से पुलकित आठ लाख रुपये ब्याज समेत लौटा चुका था। नरेश सात लाख रुपये लौटाने का दबाव डाल रहा था। इसी वजह से पुलकित ने दोस्तों के साथ मिलकर नरेश की हत्या कर दी। इसके बाद शव व गाड़ी को नहर में फेंक दिया। पुलिस ने पुलकित व उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। 

बिलंदपुर खेड़ी गांव का रहने वाला था नरेश 

नरेश शर्मा मूल रूप से सोनीपत के बिलंदपुर खेड़ी गांव का रहने वाले थे। 25 साल पहले पानीपत में रहने लगा। अब वह यमुना एन्कलेव में रहता था और सुखदेव नगर सोसाइटी का सरपस्त था। उसके परिवार में बड़ा भाई विनोद, दीपक, सतबीर, बहन बबली संतोष, पत्नी शुभि, बेटा विशेष और बेटी मुस्कान हैं। बड़े भाई सतबीर की सड़क हादसे में मौत हो गई थी।


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