पाथरी मंदिर से आज प्रसाद उठवाएगा प्रशासन
पाथरी मंदिर पर चैत्र माह के चारों बुधवार को लगे मेले में चढ़ाया गया प्रसाद 15 दिन बाद भी परिसर में सड़ रहा है। मंदिर पर हक जताने वाले जगत सिंह और बिजेन्द्र प्रसाद को लेकर भी आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासन आज पुलिस की मदद से प्रसाद उठवाएगा। उधर ग्राम पंचायत ने सरकार से मंदिर को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की अपील की है।
संवाद सूत्र, थर्मल : पाथरी मंदिर पर चैत्र माह के चारों बुधवार को लगे मेले में चढ़ाया गया प्रसाद 15 दिन बाद भी परिसर में सड़ रहा है। मंदिर पर हक जताने वाले जगत सिंह और बिजेन्द्र प्रसाद को लेकर भी आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासन आज पुलिस की मदद से प्रसाद उठवाएगा। उधर, ग्राम पंचायत ने सरकार से मंदिर को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की अपील की है।
गौरतलब है कि 17 अप्रैल को पाथरी मेला खत्म हो गया था। चढ़ावे के रूप में आए प्रसाद में कीड़े रेंगने लगे हैं। इसमें फफूंद भी लग गया है। मंदिर पर अधिकार जताने को लेकर जगत सिंह और बिजेन्द्र के बीच हुए विवाद के बाद कोर्ट ने स्टे आर्डर लगाकर पुलिस के पहरे में प्रसाद रखने के आदेश दिए थे। मंदिर में प्रसाद की बेकद्री को देखते हुए डीसी सुमेधा कटारिया ने इसे उठवाने के लिए तहसीलदार इसराना संजीव कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।
उरलाना चौकी प्रभारी एसआइ जगबीर सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि डीसी कार्यालय ने मंदिर की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के बाद ही प्रसाद उठवाने का निर्णय लिया गया है।
कुछ यूं था प्रसाद को लेकर विवाद
मंदिर पर हक जताने वाले एक पक्ष के बिजेंद्र और अजित ने कहा कि प्रसाद को गोशाला में दान करने के लिए डीसी को पत्र दिया गया था। उधर, दूसरे पक्ष के जगत सिंह ने कहा कि करीब 20 साल पहले उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया था। प्रसाद का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए।
गोवंश भूखा, नहीं मिला प्रसाद
प्रसाद सड़ रहा है, उधर मंदिर के गेट के बाहर गोवंश भूखे भटक रहे हैं। पाथरी माता पर प्रसाद चढ़ाने वाले मनजीत, गुड्डी, संतोष, बिजेंद्र, अंगूरी और सतेंद्र ने कहा कि पूरी घटना से आस्था को ठेस पहुंच रही है।