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Textile Industry: बारिश का एक असर ये भी, कांबर सूख नहीं रहा, धागा बन नहीं रहा, पढ़ें ये खास खबर

Textile Industry पानपीत में लगातार हो रही बारिश के कारण ब्रैक कांबर सूख नहीं रहा है। जिसके कारण धागे के उत्पादन में गिरावट आई है। धागे के उत्पादन में करीब 50 फीसद की गिरावट आई है। उत्पादन में गिरावट होने से भाव में उछाल है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 10:37 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 10:37 AM (IST)
Textile Industry: बारिश का एक असर ये भी, कांबर सूख नहीं रहा, धागा बन नहीं रहा, पढ़ें ये खास खबर
पानीपत में सूखा कांबर उपलब्ध न होने के कारण धागे का उत्पादन घटा।

पानीपत (महावीर गोयल)। सितंबर माह में बारिश का दौर नहीं थम रहा। बारिश ने पिछले कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है।  बारिश अधिक होने से ब्रेक कांबर सूख नहीं पा रहा। इसका सीधा असर काटन यार्न के उत्पादन पर पड़ा है। काटन यार्न मिलों में धागा ब्रेक कांबर से बनाया जाता है। सूखा कांबर उपलब्ध न होने के कारण धागे का उत्पादन आधा रह गया है। मांग बराबर चल रही है। आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक होने के कारण भाव में एक रुपया किलो की तेजी चल रही है।

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इन दिनों त्योहारी सीजन की मांग निकली हुई है। उत्पादन कम होने से कपड़ा उद्योग की परेशानी बढ़ गई है। यार्न कारोबारियों ने बताया कि मौसम विभाग का आकलन है कि सितंबर के अंत तक बारिश चलेगी। हालांकि यार्न का कारोबार वर्ष भर चलता है, लेकिन जून से लेकर अक्टूबर तक पीक सीजन होता है। इन दिनों त्योहारी मांग के साथ -साथ विदेशों में क्रिसमिस की खरीददारी का सामान निर्यात होता है। पानीपत का बना काटन यार्न निर्यात उन्मूलक इकाइयों में लगता है।

क्या है ब्रेक कांबर

रिंग फ्रेम फाइन काउंट बनाने वाली मिलों से निकलने वाली वेस्ट को कांबर बोला जाता है। पानीपत में कतरन रैग्ज से रूई बनाकर भी धागा बनाया जाता है। बारिश के कारण मायसचर अधिक होने से भी कच्चा माल सूखने में समय अधिक लगता है।

ओपन एंड धागा मिल लगाने का बूम

पानीपत में ओपन एंड प्लांट लगाने वालों की होड़ मच गई है। मिंक कंबल की डिमांड कम होने के कारण उद्यमियों का रूख कंबल से हटकर ओपन एंड उद्योग पर चला गया है। ओपन एंड प्लांट 15 से 18 करोड़ रुपये जमीन सहित लग जाता है। जबकि मिंक कंबल का यूनिट 20 से 25 करोड़ में लगता है। इसके बाद ओपन एंड यूनिट को एक्सपेंशन किया जा सकता है। कंबल का काम सीजनल होने के कारण उद्यमियों का ध्यान ओपन एंड उद्योग पर टिका है।

कंबल बनाने वाले धागा बना रहे

पहले ओपन एंड (धागा बनाने वाले) उद्यमी मिंक कंबल बनाने की लाइन में कूदे थे अब मिंक कंबल बनाने वाले उद्यमियों ने ओपन एंड की लाइन अपनानी शुरू कर दी है। ओपन एंड प्लांट लगाने की मशीनरी की आठ-आठ महीने की वेटिंग पर बुकिंग चल रही है। मशीनरी आने से छह माह पहले एडवांस में मशीनरी निर्माता पैसे ले रहे हैं। आने वाले समय में ओपन एंड के 10-12 से ज्यादा नए प्लांट लगेंगे।


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