टेक्सटाइल कारोबार ऑनलाइन, जूम मीटिग पर हुआ निर्यात
निर्यातकों ने ऑनलाइन अपने उत्पाद दिखा कर आर्डर लिए। इसके लिए वाट्सएप से लेकर फेसबुक तक का सहारा लिया गया। घरेलू उद्योगों को भी ऑनलाइन आर्डर मिले।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना काल में वर्ष 2020 व्यापार के लिए अहम रहा। लॉकडाउन में उद्योग-धंधे बंद हो गए। अनलॉक होने के बाद धीरे-धीरे कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली। जूम पर मीटिग के माध्यम से अन्य देशों को कपड़े का निर्यात होने लगा। निर्यातकों ने ऑनलाइन अपने उत्पाद दिखा कर आर्डर लिए। इसके लिए वाट्सएप से लेकर फेसबुक तक का सहारा लिया गया। घरेलू उद्योगों को भी ऑनलाइन आर्डर मिले। साथ ही बैंकों में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान मिला।
पानीपत हैंडलूम निर्यात के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध है। इस वर्ष यूरोपियन देशों ने चीन के स्थान पर भारत की तरफ रूख किया। निर्यातक रमन छाबड़ा ने बताया कि 2020 में हमें 24 प्रतिशत अधिक निर्यात आर्डर पिछले साल की तुलना में प्राप्त किए। लॉकडाउन के दौरान जो नुकसान हुआ था, वह अनलॉक के बाद धीरे-धीरे कवर हो गया।
लॉकडाउन का कंबल के कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ा, क्योंकि इस दौरान सीजन ऑफ था। लॉकडाउन के बाद मिक व पोलर कंबल की बंपर मांग रही। मिक कंबल का भाव 200 रुपये किलो से अधिक पहुंच गया। इस बार अन्य देशों से भी कंबल के आर्डर आए। कंबल कारोबारी नवीन बंसल का कहना है कि कोरोना से कारोबार अधिक प्रभावित नहीं हुआ।
शादियों पर भी प्रभाव
कोरोना के कारण यह साल सादगी से विवाह समारोह होने के लिए भी जाना जाएगा। कोरोना में शादियों में 50 से 100 लोगों को शामिल किया जाना था। ज्यादातर शादियां दिन में हुई। शादियों में बैंक्वेट हॉल, होटल के खर्चे बहुत कम हुए। जहां वैन्यू के लिए 8-10 लाख तक देने होते थे। वहां 20 लाख से कम में काम चला। 100 आदमियों ने लिए होटल 80 हजार तक में बुक हुए। कम लोगों के आने से कारण टैक्सियों से लेकर बैंडबाजे सहित अनेक खर्चे कम हो गए। लोगों ने कई-कई कार्यक्रम करने की बजाय जरूरी समारोह ही किए। सादगी पूर्ण विवाह होने से 30-30 लाख की शादियां 5-10 लाख में हो हो गई।