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किसान आंदोलन से हरियाणा-पंजाब में रेलवे की आफत, दो माह बाद मिली थी राहत, अब फिर बढ़ी टेंशन

Farmers Protest किसान आंदोलन के कारण रेलवे के लिए हरियाणा और पंजाब में फिर आफत आ सकती है। किसान आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा में रेल सेवा दो माह तक ब‍ाधित रही। इसके बाद राहत मिली तो फिर किसानों के रेल रोकने की घोषणा से टेंशन बढ़ गई है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 01:55 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 01:55 PM (IST)
किसान आंदोलन से हरियाणा-पंजाब में रेलवे की आफत, दो माह बाद मिली थी राहत, अब फिर बढ़ी टेंशन
किसान आंदोलन के कारण रेलवे की टेंशन फिर बढ़ गई है। (फाइल फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर जिद पर अड़े किसान संगठनों की तरफ से ट्रेनें रोकने के आह्वान से रेलवे-प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) हरियाणा की एसपी संगीता कालिया ने विभागीय अधिकारियों और प्रदेश भर के जिलों के एसपी से समन्वय करने के लिए बातचीत आरंभ कर दी है।

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18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से चार घंटे का ट्रेन रोको आंदोलन आह्वान से अलर्ट हुए रेलवे के अधिकारी

पंजाब में 15 से अधिक जगहों पर पटरी पर डटे रहे किसान दो माह के लंबे आंदोलन के बाद हटे थे। पंजाब से विभिन्न राज्यों के लिए खाद सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई अभी सामान्य ही हुई थी कि अब एक बार फिर 18 फरवरी को किसानों ने 12 बजे से चार बजे तक ट्रेनें रोकने की घोषणा कर दी गई है। केंद्र, राज्य और रेलवे की इंटेलिजेंस भी सतर्क हैं।

मुकदमे दर्ज हुए, गिरफ्तारियां नहीं

रेलवे पटरी पर बैठने, तोडफ़ोड़ करने, आगजनी या फिर आंदोलन के चलते किसी यात्री को चोट लगने संबंधित कानून तो सख्त बने हुए हैं, लेकिन पंजाब में दो माह के लंबे आंदोलन में पटरियों पर बैठे किसानों पर मुकदमे तो रेलवे एक्ट के तहत दर्ज तो हुए, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। अंबाला रेल मंडल में 15 से अधिक मामले रेलवे एक्ट के दर्ज किए गए थे।

सख्त सजा का प्रविधान

रेलवे पटरी पर बैठने और तोडफ़ोड़ करने पर रेलवे एक्ट और आइपीसी की धारा में जीआरपी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है। यदि आंदोलनकारी पटरी पर बैठ जाते हैं, तो 174ए के तहत रेलवे एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाता है। इस में दो साल तक की सजा व दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों हैं।

यदि आंदोलनकारी पटरी को उखाड़ते हैं या क्षति पहुंचाते हैं, तो रेलवे एक्ट की धारा 150 के तहत जीआरपी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है, जिसमें दस साल या इससे अधिक की सजा का प्रावधान है। रेलवे एक्ट 151 में आगजनी, सिग्नल में तोडफ़ोड़, 152 में चलती ट्रेन पर कुछ फेंकना या पटरी पर कुछ रखकर ट्रेन को नुकसान पहुंचाने पर मुकदमा दर्ज होता है।

जीआरपी अलर्ट है : एसपी

एसपी रेलवे संगीता कालिया ने कहा कि प्रदेश के सभी एसपी से संपर्क किया गया है। जीआरपी और जिला पुलिस में तालमेल है। हम अलर्ट हैं।  रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है या अन्य किसी तरीके से कानून का उल्लंघन किया जाएगा तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा दर्ज होगा

जीएम ने मुख्य सचिव को लिखी थी चिठ्ठी

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने पंजाब में 24 सितंबर 2020 से 23 नवंबर 2020 तक अलग-अलग जगहों पर पटरियों पर धरना देने वालों से खफा होकर पंजाब के मुख्य सचिव विनी महाजन को चिठ्ठी लिखी थी। इस में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका का हवाला भी दिया गया था।

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