नशा तस्कर को दस साल कठोर कारावास, कोर्ट ने की टिप्पणी- नशे कारोबारी देश के लिए खतरा
कोर्ट ने नशा तस्कर को दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही टिप्पणी करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले देश के लिए खतरा है। कोर्ट ने दोषी पर लगाया एक लाख रुपये जुर्माना न देने पर छह महीने अतिरिक्त सजा।
जगाधरी (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त लोग देश के लिए खतरा है। ऐसे लोगों को सख्त सजा देकर ही समाज को सही संदेश दिया जा सकता है। उक्त टिप्पणी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राजिंद्र पाल सिंह ने 408 प्रतिबंधित कैप्सूल के साथ पकड़े गए साढौरा निवासी शिव कुमार उर्फ गोल्डी को सजा सुनाते हुए दी। कोर्ट ने दोषी को दस साल कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना किया है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। साढौरा पुलिस ने 13 अगस्त 2020 को एंटी नारकोटिक सेल के एएसआई राजेश कुमार की शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद से कोर्ट में मामला विचाराधीन था।
408 प्रतिबंधित कैप्सूल के साथ काबू किया था युवक
13 अगस्त को एएसआइ राजेश कुमार पुलिस टीम के साथ गश्त कर रहा था। शाम को सवा चार बजे जब वह पुलिस टीम के साथ दोसडक़ा-साढौरा रोड पर सरावां गांव के नजदीक था, तब सूचना मिली कि साढौरा निवासी शिव कुमार उर्फ गोल्डी अवैध रूप से नशीली दवाइयां बेचने का काम करता है। जिसने टी-शर्ट व लोअर पहना हुआ है। जो नशीली दवाइयों से भरा थैला लेकर बिलासपुर-साढौरा स्थित दोसडक़ा चौक पर खड़ा है। सूचना मिलने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो एक युवक जामुन के पेड़ के नीचे खड़ा मिला। जिसने हाथ में थैला पकड़ा हुआ था।
पुलिस ने उसे 50 एनडीपीएस का नोटिस देकर तालाशी देने के लिए कहा। जिस पर उसने राजपत्रित अधिकारी के समक्ष तलाशी की बात कही। इसके बाद पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी राजकीय प्रौद्योगिक संस्थान के प्रिंसिपल अश्वनी शर्मा के समक्ष उसके बैग की तलाशी ली। जिसमें से पुलिस को प्रतिबंधित दवाई के 51 पत्ते मिलें। जिनमें 408 प्रतिबंधित कैप्सूल थे। सूचना मिलने पर औषधी नियंत्रण अधिकारी प्रवीन चौधरी ने मौके पर पहुंच कर पकड़ी गई दवाइयों की जांच की। पुलिस ने आलाधिकारियों की मामले की सूचना दी। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।