अंबाला को स्वच्छ बनाने की तैयारी, होली के बाद आएगी स्वच्छ भारत टीम
अंबाला में होली के बाद स्वच्छ भारत की टीम आएगी। हालांकि अभी तैयारियां आधी अधूरी है। अंबाला छावनी को सौ शहरों में टॉप पर लाने की तैयारी का सपना देखा जा रहा। लोगों की शिकायतें अब हेल्पलाइन पर आ रहीं।
अंबाला, जेएनएन। अंबाला छावनी को सौ शहरों में सबसे स्वच्छ बनाने का सपना है। लेकिन तैयारियां आधी-अधूरी है। होली के बाद अंबाला छावनी का सर्वे करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की टीम आने वाली है। लेकिन नगर परिषद की ओर से की जा रही कवायद अभी पूरी नहीं हो सकी है। अबाला छावनी को पॉलीथिन मुक्त करने का सपना भी साकार नहीं हो पाया है। लोगों की शिकायतें हेल्पलाइन नंबरों पर आ रही है। लोगों की समस्याआओ का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। साथ ही सड़कों का निर्माण कार्य, डिवाइडर और लाइटों का काम भी रूका हुआ है। इसके अलावा वार्डों से कूड़े का उठान भी समय से नहीं हो रहा है। जबकि स्वच्छ भारत मिशन की टीम घर-घर जाकर लोगों का फीडबैक लेगी। फीडबैक के नंबर भी रैकिंग में शामिल किए जाने है।
नगर परिषद के रिकॉर्ड में 120 कूड़े का होता है उठान
नगर परिषद के रिकॉर्ड की अगर बात करें तो रोजाना करीब 120 टन कूड़े का उठान होता है। जबकि अंबाला छावनी में करीब 47 हजार परिवार है। अंबाला की जनसंख्या करीब 2.38 लाख है। लेकिन धरातल पर तस्वीर कुछ और ही है। गलियां टूटी पड़ी हुई है। जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर लगा है। शौचालयों की तस्वीर अभी तक नहीं बदली है। जर्जर शौचालयों से दुर्गंध उठ रही है।
नगर परिषद के सर्वे में स्वच्छ अंबाला छावनी
नगर परिषद ने करीब तीन माह पहले सर्वे कराया गया था। जिसमें स्कूल, सरकारी महकमे, सड़क, थाने, होटल आदि को शामिल किया गया था। सबसे स्वच्छ वाले स्थानों को ए-प्लस ग्रेड दिया गया था। साथ ही यह सूची स्वच्छ भारत मिशन के पोर्टल पर ऑनलाइन भेज दी गई। जबकि अंतिम रिपोर्ट 31 मार्च तक भेजी जानी है।
नगर परिषद की कोऑर्डिनेटर रीतू शर्मा का कहना है कि हमारे द्वारा अंबाला छावनी काे बेहतर रैकिंग में शामिल करने के लिए स्वच्छ बनाया जा रहा है। सक्षम युवाओं की टीम को जागरूक करने के लिए लगाया गया है।