टिकाऊ जीवन में परिस्थितिक तंत्र की भूमिका पर शिक्षकों की कार्यशाला
हर वर्ष देश में बाल विज्ञान कांग्रेस का राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का विषय टिकाऊ जीवन में विज्ञान की भूमिका रहेगा।
जागरण संवाददाता, समालखा : हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति, पानीपत के द्वारा बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए आनलाइन शिक्षक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में 35 शिक्षकों ने भागीदारी की। जिला बाल विज्ञान कांग्रेस के संयोजक प्राध्यापक कुलदीप धीमान ने बताया कि शिक्षक स्कूली छात्रों को प्रोजेक्ट के माध्यम से स्थानीय समस्याओं के वैज्ञानिक निदान ढूंढने के लिए प्रेरित करते हैं।
उन्होंने कहा कि हर वर्ष देश में बाल विज्ञान कांग्रेस का राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का विषय टिकाऊ जीवन में विज्ञान की भूमिका रहेगा। विषय को 5 उपविषयों में निर्धारित किया गया है। डीएवी पब्लिक स्कूल समालखा से शिक्षिका गरिमा ने टिकाऊ जीवन में परिस्थितिक तंत्र की भूमिका पर शिक्षक कार्यशाला में विचार प्रस्तुत किए।
राजकीय सीसे स्कूल चुलकाना से डा. सुशैन चौधरी ने टिकाऊ विकास के लिए तकनीकी का उचित प्रयोग उप विषय पर विचार रखे। आदर्श माध्यमिक विद्यालय देहरा से मा. सुनील ने छात्रों के साथ प्रोजेक्ट तैयार करने की विधि साझा की। बाल विज्ञान कांग्रेस के राज्य संयोजक प्राचार्य कृष्ण वत्स ने बाल विज्ञान कांग्रेस के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार की अपील की। कार्यशाला में सह सचिव अजमेर चौहान, भीम सिंह, डा. शीशपाल, सुनील, श्रीकांत, रणबीर सुताना, जितेंद्र, नीता, श्याम सुंदर, वेदप्रकाश, राजबाला, प्रदीप मलिक, एकता, मदन पाल छौक्कर ने भी सुझावों के साथ कार्यशाला को सुदृढ़ किया।