Move to Jagran APP

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डेढ हजार शिक्षकों को लाभ, संबंधित महाविद्यालयों के शिक्षक भी बन सकेंगे रिसर्च सुपरवाइजर

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संबंधित महाविद्यालयों के शिक्षक भी रिसर्च सुपरवाइजर बन सकेंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबंधित राजकीय और सहायता प्राप्त कालेजों में डेढ हजार के करीब शिक्षकों को मिलेगा लाभ। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने इसके लिए अधिसूचना जरी कर दी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 09:28 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 09:28 AM (IST)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने रिसर्च सुपरवाइजर के लिए फैसला लिया।

कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुवि से संबंधित सरकारी और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी रिसर्च सुपरवाइजर बनने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के जारी होने पर कुवि के संबंधित कालेजों के शिक्षकों में खुशी की लहर है। उन्होंने कुवि के इस फैसले का स्वागत करते हुए इससे शिक्षा के स्तर में तेजी से सुधार होने की बात कही है। इस फैसले के बाद इन संबंधित कालेजों में कार्यरत साढे तीन हजार के करीब शिक्षकों में से कुवि की ओर से तय सभी तरह की योग्यता पूरी करने वाले एक से डेढ़ हजार के लगभग शिक्षक प्रभावित होंगे और हजारों शोधार्थियों को भी मौका मिलेगा।

loksabha election banner

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कुवि अधिनियम की धारा 11 (5) तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए समिति की ओर से जारी सिफारिशों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले इन नई शर्ताें को अकादमिक परिषद और कार्यकारिणी परिषद की बैठक में पास किया गया है। इस अधिसूचना के अनुसार कुवि से संबंधित सरकारी और सहायता प्राप्त कालेजों में नियमित कार्यरत ऐसे शिक्षक जो स्नातकोत्तर कक्षाओं को एक साल से पढ़ा रहे हैं और उनके पांच रिसर्च जनरल प्रकाशित होने सहित अन्य शर्तें पूरी करते हैं उन्हें रिसर्च सुपरवाइजर बनने की स्वीकृति है। इसके साथ ही स्नातक कक्षाओं को पढ़ाने का पांच साल का अनुभव होने और तीन रिसर्च जनरल प्रकाशित होने पर भी रिसर्च सुपरवाइजर बनने की स्वीकृति दी गई है।

यह शर्तें भी करनी होंगी पूरी

हालांकि इसके लिए संबंधित महाविद्यालयों में सभी तरह के संसाधन भी पूरे होने जरूरी हैं। इन संसाधनों की जांच के लिए पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर गठित समिति महाविद्यालय का निरीक्षण करेगी। इसके साथ ही शोधार्थी को कुवि में रहकर ही अपना रिसर्च वर्क पूरा करना होगा। इसके अलावा भी अन्य सभी शर्तें पूरी करने पर समिति की ओर से स्वीकृति दी जाएगी।

हरियाणा कालेज टीचर एसोसिएशन ने किया स्वागत

कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की ओर से लिए गए इस फैसले का हरियाणा कालेज टीचर एसोसिएशन ने स्वागत किया है। एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता डा. रविंद्र गासो ने कहा कि इससे पहले वही शिक्षक रिसर्च सुपरवाइजर बन सकते थे, जहां स्नातकोत्तर विषयों की कक्षाएं लगती हों और जिनके पास इन कक्षाओं को पढ़ाने का अनुभव हो। अब नई अधिसूचना के अनुसार स्नातक कक्षाओं को पढ़ाने वाले और तय शर्तें पूरी करने वाले शिक्षक भी रिसर्च सुपरवाइजर बन सकेंगे। इससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा और अवसर मिलने पर युवा पीढ़ी का उच्च शिक्षा की ओर रुझान बढ़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.