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सरे बाजार: करदाताओं से लेकर अधिकारियों को जोर का झटका, फंसे स्क्रूटनी के फेर में Panipat News

सरे बाजार के चलते व्यापारियों करदाताओं और टैक्स अधिकारियों में खलबली मच गई। करदाताओं से लेकर अधिकारियों को झटका लगा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 12:48 PM (IST)
सरे बाजार: करदाताओं से लेकर अधिकारियों को जोर का झटका, फंसे स्क्रूटनी के फेर में Panipat News
सरे बाजार: करदाताओं से लेकर अधिकारियों को जोर का झटका, फंसे स्क्रूटनी के फेर में Panipat News

पानीपत, [महावीर गोयल]। नए साल में करदाताओं के साथ अधिकारियों को झटका लगने जा रहा है। सभी एसएससी आयकर दाता के केस स्क्रूटनी में ऑन लाइन लगने जा रहे हैं। नए नियम के अनुसार न अधिकारी को पता होगा कि कौन से व्यापारी, उद्यमी करदाता के केस की वे विशेष जांच करने जा रहे हैं। एसेसी को भी नहीं पता होगा कि किस अधिकारी के पास उनका केस हैं। 

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अधिकारी के फैसले अनुसार टैक्स भरना होगा। इससे राजस्व को फायदा होगा। अधिकारियों के साथ-साथ एसेसी घाटे में रहेंगे। बाजार में उद्यमियों, व्यापारियों में चर्चा है। टैक्स सलाहकारों को भी इससे नुकसान होने जा रहा है। उन्हें बीच-बचाव करने का कोई लाभ जो मिलने नहीं जा रहा। 31 दिसंबर तक पुराने सभी स्क्रूटनी के केस निपटाए गए। पहले स्क्रूटनी (विशेष जांच) में लगने वाले केस स्थानीय अधिकारी लगाते थे। बाद में बंगलौर से ही केस स्क्रूटनी में लगने शुरू हुए हैं।

हाथ जोडऩे पर नहीं चल रहा काम

शहरी विधायक ने बाजार प्रधानों के साथ बाजारों का दौरा किया। दुकानदारों को हाथ जोड़कर अतिक्रमण न करने में सहयोग मांगा। दुकानदार हैं कि बाज ही नहीं आर रहे। नगर निगम चालाना काटता है। दुकानदार तुरंत माल अंदर रखते हैं। निगम टीम के जाते ही फिर से सामान बाहर रख देते हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए दुकानदार ही सलाह भी दे रहे हैं। अतिक्रमण हटा भी नहीं रहे। बाजार प्रधानों की दुकानों के सामने की सामान रखा जाता है। अब बाजार प्रधान ने सुझाव दिया है कि बाजारों में नगर निगम डीसी रेट पर कर्मचारी रखे। जिस दुकान के सामने सामान रखा हो उसका मोबाइल से वीडियो क्लिप बनाकर चालाना काटा जाए। इससे अतिक्रमण की समस्या हल होगी। चालान के पैसे से ही कर्मचारी को वेतन दिया जा सकेगा। बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा। चालान काटने पर सिफारिश लगने लगती है।

विधायक जी की कार्यशैली चर्चा में

इन दिनों शहरी विधायक की कार्यशाली चर्चा में है। सफल व्यवसायी शहरी विधायक हर कदम व्यवसाय की सफलता के हिसाब से उठा रहे हैं। नगर निगम हाउस की बैठक में उनका यह संदेश गया कि सरकार के पैसे का सही प्रबंधन हो तो विकास कार्य अधिक होंगे। स्थायी विकास का रास्ता खुलेगा। पार्षद उनकी इस कार्यशैली को हजम नहीं कर पा रहे हैं। जुबान भले ही दबी हो पार्षद इस कार्यशैली की सराहना नहीं कर पा रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि इससे विकास कार्य रुक गए हैं। वार्ड की जनता को क्या जवाब दें। पार्षद बनने के बाद पांच स्ट्रीट लाइट भी हिस्से में नहीं आई है। अधिकारी भी कह रहे हैं कि नगर निगम उद्योग की तरह चलाना आसान नहीं है। यहां के अपने नियम हैं। देखना है कि कार्यशैली में बदलाव आता है या शहर के विकास के नए आयाम मिलते हैं।

शिफ्टिंग में घपला, इनकी बल्ले-बल्ले

शिफ्ट वाइज नहीं लाइनों की शिफ्टिंग में घपला चल रहा है। बिजली वितरण निगम ने घरों सहित धार्मिक स्थलों के ऊपर से जा रही लाइनों को शिफ्ट करने के क्या आदेश दिए अधिकारियों की चांदी हो गई। शिफ्टिंग सरकारी खर्चे पर हो रही है। शिफ्टिंग चाहने वाले के पैसे अधिकारियों की जेब में जा रहे हैं। नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी इसमें हाथ सेंक रहे हैं। उन्हीं लाइनों को शिफ्ट किया जा रहा है। जिनमें उन्हें कुछ अपने लिए दिखाई देता है। हाल ही में जीटी रोड पर बन रहे एक होटल के सामने लगे चार खंभे हटाने उसकी जगह केबल दबाने का मामला काफी गर्म है। बताते हैं लाखों रुपये का इस मामले में लेन देन हुआ है। देखना यही है कि फाइल पहले की तरह दबती है या नहीं। मामला कर्मचारियों में चर्चित है। उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डालने की तैयारी है।


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