तरुण गांधी फिर से भाजपा के पानीपत जिला उपाध्यक्ष, काजल को महिला मोर्चा
पानीपत में भाजपा पदाधिकारियों की घोषणा कर दी गई। भाजपा पदाधिकारियों में तरुण गांधी को एक बार फिर उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। वहीं महिला मोर्चा के लिए काजल को चुना गया। वहीं दुष्यंत भट्ट और प्राण रत्नाकर भी उपाध्यक्ष चुने गए। जबकि रवींद्र भाटिया को बनाया महामंत्री।
पानीपत, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने जिला अध्यक्ष के बाद अब जिला कार्यकारिणी भी घोषित कर दी है। डा. अर्चना गुप्ता को जिला अध्यक्ष बनाया गया था। मंगलवार को चंडीगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ के साथ हुई बैठक में कार्यकारिणी का विस्तार कर दिया गया है। जिला अध्यक्ष बनने की दौड़ में आगे रहे तरुण गांधी को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं लगातार दूसरी बार पार्षद बने दुष्यंत भट्ट को भी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। काजल गोस्वामी को महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनाया गया है।
छह उपाध्यक्ष बनाए
1- तरुण गांधी, पानीपत
2-दुष्यंत भट्ट, पानीपत ग्रामीण
3- राजेंद्र भादड़, इसराना
4- राममेहर मलिक, इसराना
5- अजमेर मलिक, पानीपत ग्रामीण
6- प्राण रत्नाकर, पानीपत शहर
महिला मोर्चा : काजल गोस्वामी, समालखा पार्षद
युवा मोर्चा : बलविंदर रोड, इसराना
किसान मोर्चा : राजेश झट्टीपुर, समालखा
अनुसूचित मोर्चा : मुकेश वाल्मीकि, पानीपत ग्रामीण
पिछड़ा मोर्चा : गंगाराम स्वामी, पानीपत ग्रामीण
अल्पसंख्यक मोर्चा : रफाकत हसन, पानीपत ग्रामीण
महामंत्री
1-रवींद्र भाटिया, पानीपत शहर
2- कृष्ण छोक्कर, समालखा
सचिव
1- सुनील परढ़ाना, इसराना
2- अनीता चावला, पानीपत ग्रामीण
3- बबीता नरवाल, समालखा
4- माधवी वर्मा, पानीपत शहर
5- कृष्ण आर्य, पानीपत ग्रामीण
6- मेघराज गुप्ता, पानीपत शहर
मीडिया प्रभारी
ईश राणा, पानीपत ग्रामीण
कार्यालय प्रभार : महावीर भार्गव, इसराना
आइटी : आशीष संधू, पानीपत ग्रामीण
कोषाध्यक्ष : सुरेश अग्रवाल, पानीपत शहर
जागरण विश्लेषण : जानिये, किसे क्यों नियुक्ति, किसका नाम क्यों कटा
1- महिला मोर्चा समालखा के जिम्मे क्यों
जवाब : भाजपा की जिला अध्यक्ष चूंकि महिला हैं, पानीपत शहर से ही हैं, इस वजह से महिला मोर्चा की कमान पानीपत शहर से बाहर दी गई। समालखा की पार्षद काजल को महिला मोर्चा का जिम्मा इसी वजह से दिया गया है। पानीपत शहर, ग्रामीण, इसराना और समालखा के कार्यकर्ताओं को इस तरह कार्यकारिणी में लिया गया, जिससे लगे कि बराबरी के पदों का चयन हुआ है।
2- तरुण गांधी को फिर से उपाध्यक्ष क्यों
जवाब : तरुण गांधी जिला अध्यक्ष की दौड़ में थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। सांसद संजय भाटिया के नजदीकी हैं। उन्हें कार्यकारिणी से बाहर करने का संदेश ठीक नहीं जाता। इसलिए दोबारा से उपाध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश की कार्यकारिणी में भी जा सकते हैं।
3- सांसद संजय और विधायक प्रमोद विज के कितने नाम
जवाब : ज्यादातर कार्यकर्ता सांसद संजय भाटिया से जुड़े हैं। तत्कालीन जिला अध्यक्ष एवं वर्तमान में शहर से विधायक प्रमोद विज की तरफ से रमन छाबड़ा को सचिव बनाया गया था। छाबड़ा का इस सूची में नाम नहीं है।
4- क्या सांसद के नजदीकियों को ज्यादा जगह
जवाब : कह सकते हैं हां। प्राण रत्नाकर को जिला उपाध्यक्ष, रवींद्र भाटिया को महामंत्री बनाया गया है। प्राण रत्नाकर सांसद के मित्र भी हैं। हालांकि विधायक कार्यालय में वह विज का सोशल मीडिया एकाउंट संभालते हैं। रवींद्र भाटिया शुरू से ही संजय भाटिया से जुड़े हैं।
5- मीडिया प्रभारी दीपक सलूजा क्यों नहीं
जवाब : दीपक सलूजा ने पहले ही अनिच्छा जाहिर की थी। समय नहीं दे पा रहे थे। कई बार उन्हें कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया गया, जिससे वह असंतुष्ट भी थे।
सभी को जगह दी है, बदलाव भी जरूरी हैं
जिला अध्यक्ष डा.अर्चना गुप्ता का कहना है कि काम करने वाले कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है। जिनका नाम नहीं है, जरूरी नहीं कि उनका नाम कटा है। अभी तो 41 पदों की और घोषणा होनी है। प्रकोष्ठ गठित होने हैं। प्रदेश की कार्यकारिणी का विस्तार होना है।