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दिल का रखें ख्‍याल, यूं बढ़ता जा रहा खतरा, सीने के दर्द को हल्‍के में न लें

अगर दिल में दर्द हो रहा हो तो उसे हल्‍के में न लें। तुरंत डॉक्‍टर से परामर्श लें। जरा सी असावधानी अापकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। चिकित्‍सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण प्रदूषण सर्दी से दिल को ज्यादा खतरा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 10:57 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 10:57 AM (IST)
दिल का रखें ख्‍याल, यूं बढ़ता जा रहा खतरा, सीने के दर्द को हल्‍के में न लें
अगर दिल में दर्द हो रहा हो तो उसे हल्‍के में न लें।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमण दिल की मांसपेशियों की सूजन बढ़ा देता है। धमनियां सिकुड़ जाती हैं। हृदय की पंपिंग क्षमता पर असर पड़ता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। सर्दी के मौसम में भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनती है। वायु प्रदूषण भी दिल को नुकसान पहुंचाता है। इलाज से पहले बचाव जरूरी है। दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम में आर्टिमिस रवींद्रा हार्ट केयर सेंटर के डा. महेश शर्मा ने यह जानकारी दी। प्रस्तुत है सुधी पाठकों के सवाल और हृदय रोग विशेषज्ञ के जबाव।

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प्रश्न : एनएफएल वासी 32 वर्षीय आशीष ने बताया कि तीन-चार माह से उसके सीने चुभन सी होती है। क्या यह हार्ट संबंधी बीमारी के लक्षण हैं।

उत्तर : आपको शुगर और उच्च रक्तचाप नहीं है तो हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम है। यह हार्ट का टिपिकल दर्द नहीं है।  तसल्ली के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी) और ट्रेड मिल टेस्ट (टीएमटी) कराएं।

प्रश्न : आजमगढ़ उप्र. के निवासी प्रह्लाद ङ्क्षसह ने बताया कि एक साल पहले स्टंट डलवाए थे। क्या दवा पूरे जीवन खानी पड़ेगी।

उत्तर : जी हां, हार्ट के मरीज को पूरे जीवन दवा का सेवन करना पड़ता है। छह-सात माह नियमित दवा खाने से स्टंट को स्किन कवर कर लेती है। उस समय माह में एक-दो दिन छूट जाए तो कोई दिक्कत नहीं है।

प्रश्न : गढ़ी मुलतान के राजवीर ने बताया कि वह 15 साल से हुक्का पी रहा है। सीने में दर्द होने पर एंजियोग्राफी कराने से आराम मिला, अब पुन: होने लगा है।

उत्तर : तंबाकू में निकोटिन होता है, यह फेफड़ों के साथ हृदय को भी नुकसान पहुंचाता है। सबसे पहले हुक्का पीना छोड़ें। जीवनशैली में सुधार लाएं। अधिक दर्द है तो ईसीजी कराएं।

प्रश्न : सेक्टर-25 से टेकचंद आर्य ने बताया कि आयु 56 साल है। 12 साल से शुगर और पांच साल से उच्च रक्तचाप है। अब अंगुलियों में कंपन रहने लगा है।

उत्तर : यह पार्किन्सन रोग हो सकता है। फिजिशियन को दिखाएं। दूध, घी, मैदा, चीनी से बनी खाद्य सामग्री से परहेज करें। वजन को कंट्रोल में रखें।

प्रश्न : माडल टाउन से सुनीता ने बताया की आयु 33 साल है। मेहनत का कोई भी काम करूं, बहुत अधिक थकावट हो जाती है। क्या यह हृदय रोग के लक्ष्ण हैं।

उत्तर : यह हृदय रोग के लक्षण नहीं हैं। शरीर में रक्त की कमी हो सकती है। हिमोग्लोबिन और थायराइड की जांच अवश्य कराएं।

प्रश्न : गांव मोहाली से राजपाल ने बताया कि उसके दाएं कंधे में दर्द रहता है। कई बार पूरी बाजू में होने लगता है। यह क्या बीमारी है।

उत्तर : कंधे में दर्द का कारण सवाईकल भी हो सकता है। सबसे पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। फिजियोथैरेपिस्ट से भी परामर्श लें।

प्रश्न : सेक्टर-छह से सुरेश ने पूछा कि उच्च रक्तचाप और शुगर के मरीजों को हृदय रोग होने का खतरा कितना ज्यादा रहता है।

उत्तर : कोरोना महामारी और सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। दूसरे लोगों की तुलना में शुगर और बीपी के रोगियों को 10 गुना ज्यादा खतरा है।

प्रश्न : गांव जलालपुर वासी 47 वर्षीय राजेश कौशिक ने बताया कि डीजे की आवाज या तेज म्यूजिक से उसकी धड़कन बढ़ जाती है।

उत्तर : इसे एंजाइटी डिसआर्डर कहते हैं। तेज म्यूजिक आपके दिमाग पर असर डालता है। आप किसी न्यूरो फिजिशियन से परामर्श लें।

प्रश्न : सेक्टर-29 वासी अरविंद ने बताया कि उसका छह वर्षीय बेटा ने चल पाता है और न ठीक से बैठ पाता है। मैं क्या इलाज कराऊं।

उत्तर : बच्चे के जन्म के समय शरीर में रक्त व आक्सीजन की कमी रही होगी। इसे बर्थ एक्सपीसिया कहते हैं। आप फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह लें।

प्रश्न : माडल टाउन वासी विकास ने बताया कि कुछ भारी भोजन का सेवन करने से कब्ज हो जाती है। दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है।

उत्तर : आप किसी गैस्ट्रोलाजिस्ट से परामर्श लें। ऐसा कुछ न खाएं जिससे आपको दिक्कत होती है। सुबह-शाम टहलना शुरू कर दें।

प्रश्न : गन्नौर निवासी निखिल ने बताया कि वर्ष 2012 में उसके पिता की बाइपास सर्जरी हुई थी। अब वे थोड़ा टहलने से ही हांफने लगते हैं।

उत्तर : आपको अपने पिता की इकोकार्डियोग्राफी (ईको) करानी पड़ेगी। बाइपास सर्जरी के बाद उसका फालोअप भी जरूरी हैं। मेडिसिन भी बदलनी पड़ती है।

हार्ट अटैक के लक्षण

-छाती में दर्द

-सांस की दिक्कत

-थकान और घबराहट

-ज्यादा पसीना आना

-मोटापा, शुगर रोग

-पैर में सूजन रहना

-हाई कोलेस्ट्राल और ब्लड प्रेशर

ऐसे करें बचाव

-ठंड में ज्यादा से ज्यादा गरम कपड़े पहनें।

-सिर और मुंह को ढक कर रखें।

-तापमान कम है तो घर से बाहर न निकलें।

-गुनगुना पानी पिएं, ऐसे ही पानी से नहाएं।

-घर में रहकर ही हल्का व्यायाम करें।

-कम से कम दो घंटा धूप का आनंद लें।

-दोपहिया सवार हेलमेट अवश्य पहनें।

-विंडचीटर पहनें ताकि ठंडी हवा न लगे।

-ठंडे पेय पदार्थों को सेवन न करें।

-तैलीय भोजन और जंक फूड न खाएं।

-समय पर दवा का सेवन करें।

संक्षिप्त परिचय :

नाम      : डा. महेश शर्मा

मूल निवासी : जयपुर राजस्थान

एमबीबीएस  : वर्ष 1997

संस्थान : एसएन मेडिकल कालेज, जोधापुर

एमडी/डीएम : वर्ष 2016

संस्थान : जीबी पंत अस्पताल, दिल्ली


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