रविदास जयंती के उपलक्ष्य में निकाली झांकी
मनाना गांव में रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर झांकी निकाली गई। समाजसेवी प्रदीप बिहोली ने रिबन काटकर शुभारंभ किया। झांकी रविदास मंदिर से गांव की फिरनी और मुख्य रास्तों से निकली।
जागरण संवाददाता, समालखा, पानीपत : मनाना गांव में रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर झांकी निकाली गई। समाजसेवी प्रदीप बिहोली ने रिबन काटकर शुभारंभ किया। झांकी रविदास मंदिर से गांव की फिरनी और मुख्य रास्तों से निकली। झांकी के साथ रविदास की पालकी भी थी। महादेव-पार्वती, राधा-कृष्ण व अन्य देवी देवताओं की भी झांकियां थी।
मंदिर कमेटी के प्रधान जगबीर ने बताया कि झांकियों के लिए पांच ट्रैक्टर ट्रालियों के अलावा साथ चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से पांच ट्रैक्टर ट्रालियां थी। सभी भगवान और रविदास के जयकारे लगा रहे थे। प्रधान ने कहा कि शनिवार को जयंती मनाई जाएगी। लंगर की व्यवस्था होगी। सभी को प्रसाद वितरित किया जाएगा। प्रदीप बिहोली ने कहा कि रविदास स्वस्थ समाज के हिमायती थे। उन्होंने भेदभाव को रोग बताया। अपने दोहे के माध्यम से समाज को जीवनभर जागरुक किया। इस अवसर पर दलबीर, सूरजभान, सुनील, राकेश, सोनू, संजय, रुस्तम, प्रदीप, आजाद, मदनलाल आदि मौजूद रहे। उधर, पानीपत में जाटल रोड से रविदास जयंती पर झांकियां निकाली गईं। जगह-जगह झांकियों का स्वागत हुआ। फूल बरसाए गए।
चंद्रशेखर आजाद एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे : मधु यादव
जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर 25 स्थित निर्मला देशपांडे संस्थान में स्थित होप (हाली ओपन इंस्टीट्यूट फॉर पीस एंड एजुकेशन) में स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई। शिक्षाविद मधु यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी उग्र देशभक्ति और साहस ने उनकी पीढ़ी के अन्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। यहीं से आजाद ने क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू किया। उन्होंने संकल्प लिया था की वह न कभी पकड़े जाएंगे और न ही ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी थी। कार्यक्रम में एडवोकेट राम मोहन राय, कृष्णा कान्ता, सुनीता आनन्द, कोऑर्डिनेटर पूजा सैनी, पायल, दीनाक्षी, सोनिया, अनूपा मौजूद रहीं।