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Swachh Survekshan 2022: निजी संस्थानों को खुद करना होगा कचरे का प्रबंधन, निगम करेगा सर्वे

निगम का प्रयास है कि कम से कम कचरा डंपिंग प्वाइंट तक पहुंचे। संस्थान में ही अलग-अलग किस्म के कचरे की छंटनी हो। उसको अलग-अलग उत्पाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। नगर निगम एरिया में अनुमानित 100 से अधिक ऐसे होटल व रेस्टारेंट हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 09:03 AM (IST)
Swachh Survekshan 2022:  निजी संस्थानों को खुद करना होगा कचरे का प्रबंधन, निगम करेगा सर्वे
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 को लेकर नगर निगम एक्टिव मोड पर।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 को लेकर नगर निगम एक्टिव मोड पर है। निजी संस्थानों से निकल रहे कचरे के प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। जिनसे 50 किलो से अधिक कचरा निकल रहा है, उनको इसका प्रबंधन अपने स्तर पर करना अनिवार्य होगा। इनमें होटल, रेस्टोरेंट, शिक्षण संस्थान व अस्पताल शामिल हैं।  इसके लिए निगम की ओर से सर्वे कराया जाएगा। 

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संस्थान में ही हो कचरे की छंटनी

निगम का प्रयास है कि कम से कम कचरा डंपिंग प्वाइंट तक पहुंचे। संस्थान में ही अलग-अलग किस्म के कचरे की छंटनी हो। उसको अलग-अलग उत्पाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। नगर निगम एरिया में अनुमानित 100 से अधिक ऐसे होटल व रेस्टारेंट हैं। बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 7500 अंकों का होगा। इसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस (डिजिटल ट्रैकिग और सफाई मित्र सुरक्षा) के तीन हजार, सर्टिफिकेशन (वाटर प्लस और थ्री स्टार रेटिग) 2250 व सिटीजन वाइस और महामारी की तैयारी के 2250 अंक निर्धारित हैं।    

पार्कों में बनेंगी कंपोस्ट किट

नगर निगम की ओर से शहर के मुख्य पार्कों में कंपोस्ट किट बनाई जाएगी। यह अभी तय नहीं हुआ है कि इस काम को इंजीनियरिंग ब्रांच स्वयं करेगी या फिर इसके लिए टेंडर लगाया जाएगा। इसका मकसद पार्कों से निकलने वाले कचरे का वहीं पर प्रबंधन करना है। इसमें घास-फूंस, पत्ते व दूसरी तरह का कचरा शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक 50-55 दिन में इस कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार हो सकती है। इसको पार्क में ही पेड़-पौधों के लिए प्रयोग किया जाएगा। प्रथम चरण में बड़े पार्कों में यह व्यवस्था की जाएगी। 

दूर होंगी सार्वजनिक शौचालयों की खामियां 

नगर निगम एरिया में 276 सार्वजनिक शौचालय हैं। फिलहाल अधिकांश बदहाली झेल रहे हैं। कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं दरवाजे टूटे पड़े हैं। ऐसे शौचालयों की संख्या कम नहीं है जिन पर ताले लटके हुए हैं। ऐसे में आसपास के दुकानदारों व अन्य लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्वच्छ सर्वेक्षण को देखते हुए इन शौचालयों की खामियों को दूर करने का निर्णय लिया गया है। इसका जिम्मा एजेंसी को सौंपा जाएगा। साथ ही नियमित देखरेख के लिए अलग से कमेटी भी गठित की जाएगी। 

यह रही गत वर्ष स्थिति

वर्ष -2017 में : 346वां

वर्ष- 2018 में : 310वां

वर्ष- 2019 में : 218वां

वर्ष-2020 में: 147वां 

अच्छा रेंक हासिल करना ही उद्देश्य 

नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सुरेंद्र चोपड़ा ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। निजी संस्थानों के लिए कचरे का प्रबंधन अपने स्तर पर करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा एजेंसी को सख्त हिदायत जारी कर दी गई हैं कि डोर-टू-डोर कचरा उठान में कोताही न बरती जाए। हर वार्ड से नियमित रूप से कचरा उठे। ताकि सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहे। उन गांवों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा जो निगम में शामिल हुए थे। क्योंकि इनमें कचरा उठान नियमित न होने की शिकायतें मिलती हैं।


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