Swachh Survekshan 2021: आंकड़ों में 10 अंक सुधरा जींद का स्वच्छता रैंक, धरातल पर हालत बदहाल
Swachh Survekshan 2021 स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जींद का रैंक 204 से सुधरकर 195वें नंबर पर आ गया है। रैंकिंग में तो हालात पहले से थोड़े सुधरे हैं। लेकिन बात जब धरातल की होती है तो हालात बेहद खराब नजर आते हैं। ये रिपोर्ट पढ़िए और जमीनी हकीकत जानिए...

जींद, जागरण संवाददाता। Swachh Survekshan 2021: स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के नतीजे घोषित हो गए हैं। आंकड़ों में जींद के रैंक में दस अंकों का सुधार हुआ है। जबकि असलयित में धरातल पर सफाई में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। शहर में अब भी जगह-जगह कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। कुल 6000 अंकों में से जींद का स्कोर 2510.62 रहा।
पिछले साल 204वां रैंक था
केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छ सर्वेक्षण के आंकड़ों में इस बार जींद नगरपरिषद का रैंक देशभर के 372 नगरपरिषदों में 195वां रहा, जबकि पिछले साल 204वां रैंक था। प्रदेश की 14 नगरपरिषदों में जींद दूसरे स्थान पर रहा। आंकड़ों में बेशक जींद ने कुछ प्रगति की है, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है। शहर में किसी भी सड़क या मोहल्ले में निकल जाइए, आपको गंदगी के दर्शन हो जाएंगे। कोई भी मोहल्ला या वार्ड सफाई के मामले में रोल माडल नहीं बन पाया है। पूरे शहर को तो छोड़ दीजिए, डीसी कालोनी के हालात भी बहुत ज्यादा बेहतर नहीं हैं। शहर का सबसे मुख्य सार्वजनिक स्थल बस स्टैंड के बाहर साल के 365 दिन 24 घंटे कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। दिनभर सड़क पर पालीथिन उड़ते रहते हैं।
बस अड्डे पर गंदगी का ढेर
नगर परिषद ने करीब चार साल पहले यहां कूड़ा कलेक्शन सेंटर बनाया था, उसके बाद हालात ज्यादा खराब होते चले गए। अब दूसरे जिलों से आने वाले लोग बस अड्डे से बाहर आते हैं तो गंदगी से उनका स्वागत होता है। तीन साल पहले सेव संस्था ने इस 100 मीटर के टुकड़े को सुधारने का बीड़ा उठाया था। कई ट्राली मिट्टी डलवाई थी और पौधे भी लगवाए थे। लेकिन नगरपरिषद व आम लोगों से सहयोग नहीं मिला। शहर की सफाई व्यवस्था की बात करें तो पिछले पांच साल में जिस स्पीड से सफाई का ठेका बढ़ रहा है, उसी स्पीड से शहर गंदा हो रहा है। रोहतक रोड, भिवानी रोड व सफीदों रोड की सालों से सफाई नहीं हो रही है। नगर परिषद शहर की सफाई पर गंभीर होती तो स्वच्छता रैंक को और बेहतर किया जाता सकता था। शहर के लोगों का कहना है कि सिर्फ स्वच्छ सर्वेक्षण के समय ही नगर परिषद के कर्मचारी सफाई करते हैं। उसके बाद फिर वही बुरा हाल रहता है।
जींद के अब तक के सर्वेक्षण की रिपोर्ट
वर्ष 2017 की रैंक: 265
वर्ष 2018 की रैंक: 272
वर्ष 2019 की रैंक: 223
वर्ष 2020 की रैंक: 204
वर्ष 2021 की रैंक: 195
कूड़ा कलेक्शन सेंटर नहीं हो पाए खत्म
नगर परिषद ने शहर में बस स्टैंड के सामने, डीसी कालोनी के सामने, सफीदों रोड, कम्युनिटी सेंटर के पास सहित कई जगहाें पर कूड़ा कलेक्शन सेंटर बना रखे हैं। यहां आसपास की कालोनियों का कूड़ा डाला जाता है। इसके बाद इस कूड़े को उठाकर पुराने हांसी रोड पर लाइन पार डाला जाता था। नगर परिषद ने जब यह कूड़ा कलेक्शन सेंटर बनाए, उस समय चारों तरफ की दीवार बनाई थी, लेकिन कुछ समय बाद ही ये दीवारें टूट गईं। इसके बाद कभी इन सेंटरों की सुध नहीं ली। दो साल पहले नगर परिषद ने कहा कि बस स्टैंड के सामने और डीसी कालोनी के सामने कूड़ा कलेक्शन सेंटरों को समाप्त किया जाएगा, लेकिन अब भी इन जगहों पर कूड़ा फैला रहता था। इस कारण आसपास गंदगी फैली रहती है।
सफाई पर साल में करीब सात करोड़ खर्च
शहर की कालोनियों में नगर परिषद को सफाई करवानी होती है, जबकि मुख्य मार्गों की सफाई व कूड़ा उठान की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। नगर परिषद के 213 सफाई कर्मचारी हैं। जबकि शहर की आबादी के हिसाब से लगभग 400 कर्मचारी होने चाहिए। नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। शहर की सफाई पिछले पांच साल में सात गुणा से ज्यादा बढ़ चुकी है। इस साल सफाई पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन शहर की सफाई में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। गीले कूड़े व सूखे कूड़े को घरों से ही अलग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
सफाई में बहुत सुधार की जरूरत: नाडा
सेव संस्था के प्रधान नरेंद्र नाडा ने बताया कि जींद शहर की सफाई के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। डोर-टू-डोर कलेक्शन में काफी सुधार की जरूरत है। लोगों को जागरूक नहीं किया जा रहा कि गीला व सूखा अलग-अलग दीजिए। जो सफाई का महत्व नहीं समझ रहे, उनके चालान करने चाहिए। प्रशासन की सुस्ती के कारण जींद में सफाई में पिछड़ा हुआ है।
जींद में सफाई व्यवस्था बिगड़ रही: वशिष्ठ
जींद अन्ना टीम से सुनील वशिष्ठ ने बताया कि जींद शहर में सफाई का ठेका वर्ष 2016 में सात लाख रुपये में था। तब पूरा शहर साफ-सुथरा दिखता था। अब सफाई का ठेका 75 लाख के पास पहुंच गया है, लेकिन शहर गंदा हो गया है। जो एनजीओ सफाई के काम में लगे हुए हैं, सरकार को एक बार उनको सफाई का ठेके देकर देख लेना चाहिए।
नगर परिषद के पास संसाधन
रेगुलर सफाई कर्मचारी: 106
पे-रोल पर कर्मचारी: 107
थ्री व्हीलर: 5
ट्रैक्टर: 1
डस्टबिन प्लेसर: 1
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Edited By Rajesh Kumar