जींद के सुरेंद्र चहल ने रचा इतिहास, लेबर पार्टी में पाया बड़ा पद, साउथ ऑस्ट्रेलिया में पहले हरियाणवी काउंसलर हैं
जींद के सुरेंद्र चहल ने ऑस्ट्रेलिया में सफलता का झंडा गाड़ा है। मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने मोरफेट सीट पर उपप्रधान नियुक्त किया है। सुरेंद्र चहल अभी एडिलेड शहर में काउंसलर हैं। साउथ ऑस्ट्रेलिया में पहले हरियाणवी काउंसलर भी हैं।
जींद, जेएनएन। साउथ ऑस्ट्रेलिया में पहले हरियाणवी काउंसलर बनने वाले सुरेंद्र चहल को मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने मोरफेट सीट पर उपप्रधान नियुक्त किया है। सोमवार को मोरफेट सब ब्रांच के वार्षिक महाधिवेशन में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।
जींद जिले के गांव जाजवान निवासी सुरेंद्र चहल ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में बताया कि अभी वह एडिलेड शहर में काउंसलर हैं। दो साल पहले वर्ष 2019 में उन्होंने लेबर पार्टी ज्वाइन की थी। जबकि काउंसलर का चुनाव अपने अच्छे रसूख के बूते बतौर निर्दलीय जीता था। चहल ने बताया कि मोरफेट सीट का उपप्रधान नियुक्त करना इस तरह है, जैसे जींद विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का उपप्रधान बनाना।
स्टेट एमपी के चुनाव में मोरफेट सीट से मजबूत दावेदार
ऑस्ट्रेलिया में अगले साल लोकल गवर्नमेंट यानि काउंसलर, स्टेट एमपी यानि राज्य विधानसभा और फेडरल गवर्नमेंट यानि केंद्र सरकार के चुनाव होंगे। बतौर काउंसलर अच्छा काम करने और ऑस्ट्रेलियाई व प्रवासियों के बीच मिलनसार होने के कारण वह स्टेट एमपी के चुनाव में मोरफेट सीट से मजबूत दावेदार भी हैं। चहल ने बताया कि उनके साथ मैरी गुड को प्रधान व बेन केंडाल को सचिव बनाया गया है।
कोरोना में मदद करने को एकजुट हुए 36 संगठन
सुरेंद्र चहल ने बताया कि कोरोना काल में भारतीयों की मदद करने के लिए साउथ आस्ट्रेलिया में रह रहे 36 भारतीय संगठन एक बैनर तले एकजुट हुए हैं। इन संगठनों की तरफ से 5 जून को चैरिटी गरबा नाइट का आयोजन किया जाएगा, जिसके जरिए फंड इकट्ठा किया जाएगा। कोविड रिलीफ वर्किंग कमेटी में सदानंद मूरे, राकेश गुप्ता, विरेंद्र त्रिपाठी, सुरेंद्र चहल काउंसलर, हिमांशु पटेल, मिहिर सिंदे, मिलिंद सन, सैंथिल चिदंबरनाथन, आदिरेडी यारा, डा. सेशू बोडा शामिल हैं। फंड जुटाने को दो-तीन अन्य कार्यक्रम भी किए जाएंगे। यह सारा फंड भारत में कोरोना प्रभावितों की मदद के लिए प्रयोग किया जाएगा।
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