खेल ग्रेडेशन में फर्जीवाड़े के बाद सख्ती, जानिए अब किस तरह से बनेंगे प्रमाण पत्र
खेल विभाग ने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े मामले के बाद से सख्ती कर दी है। अब मंडल स्तर पर ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बन रहे हैं। फर्जी ग्रेडेशन बनाए जाने के मामले आने के बाद लिया गया था फैसला। अभी तक कैथल में 10 सर्टिफिकेट बने हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल। खेल विभाग की तरफ से मंडल स्तर पर ग्रेडेशन प्रमाण पत्र बनाने का निर्णय लिया हुआ है। पहली बार मंडल स्तर पर कैथल के दस खिलाड़ियों के ग्रेडेशन प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इससे पहले जिला स्तर पर ग्रेडेशन बनाए जाते थे। कुछ महीने पहले ही फर्जी ग्रेडेशन बनाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद मंडल स्तर पर प्रमाण पत्र बनाने का फैसला लिया गया था। पांच जिलों में इसकी मामले की जांच भी की गई थी।
कैथल इस समय अंबाला मंडल के अधीन है। अब डिप्टी डायरेक्टर की देखरेख में प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। दस प्रमाण पत्रों में छह हैंडबाल, एक कबड्डी, एक बाक्सिंग, एक वालीबाल और एक बास्केटबाल का प्रमाण पत्र बनाया गया है। इसमें हैंडबाल का एक सी ग्रेड और सभी नौ प्रमाण पत्र डी ग्रेड के बनाए गए हैं। ए और बी ग्रेड के प्रमाण पत्र निदेशालय की तरफ से जारी किए जाते हैं। करीब डेढ़ महीने से खिलाड़ियों के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे थे। खिलाड़ी भी जिला खेल कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। बता दें कि ग्रेडेशन प्रमाण पत्र से खेल कोटे में नौकरी और अन्य सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जाती हैं।
यह है प्रक्रिया
खिलाड़ी को ग्रेडेशन बनवाने के लिए संबंधित जिला खेल कार्यालय में आवेदन करना होता है। आवेदन के बाद जिला स्तर पर गठित की गई कमेटी आवेदनों की जांच करती है। जांच के बाद मंडल स्तर पर खिलाड़ी को बुलाया जाता है और जिला स्तर पर गठित कमेटी भी मौजूद रहती है। डिप्टी डायरेक्टर की तरफ से पूर्ण जांच के बाद ग्रेेडेशन प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाता है।
कराटे के 21 ग्रेडेशन किए थे रद
जिला खेल विभाग की तरफ से कुछ महीने पहले कराटे के 21 ग्रेडेशन प्रमाण पत्र रद किए गए थे। अब कुछ दिन पहले ही खेल मुख्यालय की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि जिले में अब तक बने थ्रो बाल के ग्रेडेशन रद किए जाने हैं। कैथल में थ्रो बाल के तीन ग्रेडेशन बने हुए हैं, जिन्हें रद करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल ने बताया कि कैथल के दस खिलाड़ियों के ग्रेडेशन प्रमाण पत्र बने हैं। इनमें सी ग्रेड का एक और नौ डी ग्रेड के प्रमाण पत्र शामिल हैं। पहले जिला स्तर पर प्रमाण पत्र बनते थे, लेकिन अब मंडल स्तर पर बनाए जाते हैं।