श्रीमद्भागवत ग्रंथ समस्त मानव जीवन का सार
यदि हम अपना मोक्ष चाहते हैं तो हमें भागवत की शरण में जाना ही पड़ेगा। जब जन्म-जन्म के पुण्य इकट्ठे हो जाते हैं तब भागवत कथा करने सुनने का अवसर हमें मिलता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल ग्रंथ ही नहीं है, अपितु यह समस्त मानव जीवन का सार है। यदि उपनिषद एवं शास्त्र एवं सभी ग्रंथ इकट्ठे कर दिए जाएं और उनका सार निकाला जाए तो उस सार का नाम केवल श्रीमद्भागवत कथा ही है। पंडित राधे-राधे मुलतान भवन माडल टाउन में शुरू हुई भागवत कथा के शुभारंभ पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि हम अपना मोक्ष चाहते हैं तो हमें भागवत की शरण में जाना ही पड़ेगा। जब जन्म-जन्म के पुण्य इकट्ठे हो जाते हैं, तब भागवत कथा करने सुनने का अवसर हमें मिलता है। भागवत कथा केवल सुनने सुनाने की ही वस्तु नहीं है, अब तो साक्षात परम ब्रह्म का स्वरूप है। जन्म-जन्म के पापों का भी हरण केवल भागवत कथा के माध्यम से हो सकता है।
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन एक कलश शोभायात्रा निकाली गई। मुख्य अतिथि सांसद संजय भाटिया की धर्मपत्नी अंजू भाटिया ने मंगल कलश पूजन करके शोभायात्रा की अगुवाई की। इस दौरान 151 सुहागिन महिलाओं ने मंगल कलश अपने सिर पर धारण किया और माडल टाउन के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए सभा स्थल पर पहुंची। शोभायात्रा में मंगल गीतों के साथ ढोल और नगाड़े बजाए गए।
इस अवसर पर रमेश नांगरू प्रीतम गुर्जर, तिलकराज मिगलानी, रमेश खन्ना, विपिन चुघ, गोपाल शेट्टी, एस,के आहुजा, डीवी गोयल, सुदेश गोयल, गिरीश माटा, नंद किशोर, जोगिदर शर्मा, कपिल गुप्ता,नीटू मिगलानी, अनिल बंसल, विरेंद्र गुप्ता , वेद पारासा, दिलेल शर्मा और अमित मक्कड़ आदि मौजूद रहे।