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आइपीएस और आइएएस अफसरों पर की थी टिप्पणी, अब पीछे हटे एसआइटी के दो सदस्य

हरियाणा में जहरीली शराब पीकर 47 लोगों की मौत के मामले में अफसरशाही में ही खींचतान शुरू हो गई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार हस्ताक्षर करने के बाद आइपीएस अफसरों ने बदला फैसला। अब एसआईटी के दो सदस्‍य पीछे हटे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 05:11 PM (IST)
आइपीएस और आइएएस अफसरों पर की थी टिप्पणी, अब पीछे हटे एसआइटी के दो सदस्य
हरियाणा में जहरीली शराब पीकर मौत के मामले में खींचतान।

अंबाला, [दीपक बहल]। प्रदेश में जहरीली शराब पीकर 47 लोगों के मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आइपीएस और आइएएस अधिकारियों पर भी टिप्पणी की है, जिसको लेकर एसआइटी के दो सदस्य अब पीछे हट रहे हैं। इन दोनों आइपीएस अधिकारियों ने प्रदेश के गृह सचिव को चिठ्ठी लिखी है। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी एसआइटी ने जांच की और बाद में उसी दल के दो सदस्य पीछे हट गए। हालांकि इन अधिकारियों के पीछे हटने से इनकी मुश्किलें बढऩा तय है, क्योंकि एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर ही नहीं बल्कि मसौदा तैयार करते समय एडिटिंग की है। एक ही मामले में अलग-अलग रुख होना कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में ले रह है। यह कमेटी एडीजीपी श्रीकांत जाधव के नेतृत्व में बनी थी, जिसमें अंबाला रेंज के आइजी वाई पूर्ण कुमार, आइपीएस राजेश दुग्गल, एसपी करनाल गंगाराम पूनिया और मेवात एसपी नरेंद्र बिजानिया शामिल हैं। इन पांच सदस्यों में से करनाल और मेवात के एसपी ने गृह सचिव को चिठ्ठी लिखकर वरिष्ठ अधिकारियों पर की गई टिप्पणी पर अपनी असहमति जताई है।

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दो आइपीएस अफसरों को हटाने पर डीजीपी पर की गई टिप्पणी

रोहतक रेंज के आइजी की सिफारिश पर डीजीपी मनोज यादव ने एसआइटी से विक्रांत भूषण और वरुण सिंगला को रिपोर्ट पूरी होने से पहले ही एसआइटी से अलग कर दिया था। एसआइटी चीफ श्रीकांत जाधव ने इस पर आपत्ति उठाते हुए गृह सचिव को चिठ्ठी भी लिखी थी, जिस पर गृह मंत्री अनिल विज ने हस्तक्षेप भी किया था। बताते हैं कि एसआइटी की जांच रिपोर्ट में ऐसे तथ्यों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी ने भी पूछा था कि क्या एसआइटी मुख्यमंत्री की अनुमति से बनी है, जिसका बाद में गृह सचिव ने हां में जवाब दिया था। इस बिंदु को भी जांच रिपोर्ट में शामिल किए जाने की बात की जा रही है। इसके अलावा आबकारी विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ भी टिप्पणी की गई है। ऐसे कुछ बिंदु हैं, जिनसे एसआइटी के सदस्यों ने अपनी असहमति जताई है, जबकि हर पन्ने पर पांचों सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।

सरकार ब्रीफ करेगी : बिजानिया

एसआइटी के सदस्य एवं एसपी मेवात नरेंद्र बिजानिया ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि इस मामले में सरकार ब्रीफ करेगी। असहमति किन बिंदुओं पर उठाए सवाल पर उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सरकार के पास है।

व्यस्तता के चलते नहीं दिया जवाब

एसआइटी सदस्य एवं एसपी करनाल गंगाराम पूनिया से जब रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर असहमति के बारे बात की, तो उन्होंने कहा कि वे व्यस्त हैं, इस बारे में बाद में बात करते हैं।

रिपोर्ट पेश कर दी गई है : जाधव

एसआइटी चीफ श्रीकांत जाधव ने कहा कि रिपोर्ट प्रदेश के गृह सचिव को सौंप दी गई है। दो सदस्यों का असहमति पर उनका कहना है कि इस बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होते हैं।

एसआइटी की रिपोर्ट पर अध्ययन किया जा रहा है। जो दस्तावेज सरकार के पास एक बार आ जाता है वह सुरक्षित है। इसी दस्तावेज पर वरिष्ठ अधिकारी मंथन कर रहे हैं।

- अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा

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