Sowing of garlic: यमुनानगर में लहसुन की बुवाई में जुटे किसान, 15 हजार एकड़ में बिजाई, जानें वजह
यमुनानगर के रादौर क्षेत्र के किसान रामबीर सिंह चौहान सुनील कुमार नीटू व रमेश ने बताया कि वह कई से लगातार लहसुन की खेती कर रहे हैं। प्रति क्विंटल रेट अच्छा रहता है। कई साल से यह मुनाफे की फसल साबित हो रही है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। लहसुन की कीमतों में उछाल से लहसुन की फसल के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। करीब 15 हजार एकड़ में बिजाई हुई है। जोकि गत वर्ष से करीब 10 प्रतिशत अधिक है। रादौर एरिया में रकबा अधिक बताया जा रहा है। सामान्य बिजाई के साथ-साथ गन्ने की फसल के साथ भी लहसुन उगाई जा रही है। किसानों का कहना है कि गन्ने की फसल के साथ लहसुन उगाने से दोहरा लाभ है। लागत कम आती है। एक फसल के साथ दूसरी फसल बोनस के रूप में मिल जाती है। 60-70 रुपये प्रति किलो लहसुन बिक रही है। गत वर्ष रेट इससे भी ज्यादा था।
बेचने में दिक्कत नहीं
रादौर क्षेत्र के किसान रामबीर सिंह चौहान सुनील कुमार, नीटू व रमेश ने बताया कि वह कई से लगातार लहसुन की खेती कर रहे हैं। प्रति क्विंटल रेट अच्छा रहता है। कई साल से यह मुनाफे की फसल साबित हो रही है। मुख्य बात यह भी है कि फसल को बेचने की दिक्कत नहीं है। गांव में ही खरीदार पहुंच जाते हैं। हालांकि दिल्ली व देहरादून की मंडियों में किसान फसल को लेकर जाते हैं। लेकिन न जाएं तब भी स्थानीय स्तर पर अच्छे दाम मिल जाते हैं। लहसुन उगाकर किसान फसल अवशेष प्रबंधन का संदेश भी दे रहे हैं। लहसुन लगाकर उस पर पराली बिछा दी जाती है। इसके एक नहीं बल्कि कई लाभ हैं। भूमि नरम रहती है। खरपतवार नहीं उगती। खाद खुराक की जरूरत कम पड़ती है। बड़ा फायदा यह है कि निराई गुड़ाई की आवश्यकता नहीं पड़ती।
विभाग की ओर से यह प्रयास
लहसुन की फसल को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की ओर से उत्पादक किसानों को करीब 36 किलो बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसकी कीमत करीब 4800 रुपये है। जिले में करीब 300 एकड़ के लिए बीज उपलब्ध करवाया गया। करीब 600 किसानों को बीज उपलब्ध हुआ है।
किसानों के लिए फायदेमंद
जिला उद्यान अधिकारी डा. कृष्ण कुमार का कहना है कि लहसुन की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। कई वर्ष से मार्केट में अच्छे दाम मिल रहे हैं। जिसके चलते किसानों का रुझान बढ़ा है। ऐसे किसानों की संख्या कम नहीं है जो लहसुन की फसल उगाकर फसल अवशेष प्रबंधन का संदेश भी दे रहे हैं।