छह करोड़ नौ लाख रुपये के गबन में फंसे बिजली निगम के अफसर, एसआईटी को सौंपी गई जांच
यमुनानगर में छह करोड़ नौ लाख रुपये के गबन के मामले में फंसे बिजली निगम के अफसरों की जांच अब एसआईटी करेगी। इसके लिए आरोपितों को जांच में शामिल किया जाएगा।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। छह करोड़ नौ लाख रुपये के गबन के मामले की जांच के लिए डीएसपी शमसेर सिंह के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गई है। एसआइटी ने बिजली निगम ने सभी दस्तावेज व रिकॉर्ड मांगा है। जिसके आधार पर जांच शुरू होगी। वहीं इस गबन में फंसी फर्म अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल के मालिक कुलबीर सिंह की साहनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
अब उसने हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। डीएसपी शमसेर सिंह ने बताया कि मामला धोखाधड़ी व गबन का है। इसलिए पूरा रिकॉर्ड लिया जाएगा। रिकॉर्ड एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद ही आगे कार्रवाई होगी। उसी आधार पर आरोपितों को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
यह था मामला
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, फर्म अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल चंडीगढ़ को 20 अगस्त 2014 को 11 केवी लाइन के नए निर्माण में 20 स्कवायर मिमी एल्यूमिनियम कंडक्टर स्टील रीनफोर्स के साथ सामग्री उपकरण आपूर्ति, इरेक्शन व 30 स्क्वायर कंडक्टर को हटाने का ठेका दिया गया। इसके स्थान पर 11 केवी लाइन 80 स्क्वायर एल्युमिनियम कंडक्टर स्टील रीनपोर्स व एबी केबल के साथ जोड़ना था। यह कार्य 19 मई 2015 तक पूरा होना था। तय समय पर यह कार्य पूरा नहीं हुआ, जबकि बिजली निगम के एसडीओ व अन्य अधिकारियों ने मिलीभगत कर अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल को 10 करोड़ 16 लाख 681 रुपये जारी कर दी।
मौके पर कार्य पूरा नहीं हुआ था। 33 फीडर में से 19 फीडर पर ही कार्य हुआ।इस मामले की शिकायत पर जांच हुई थी। जिसमें निगम को छह करोड़ नौ लाख 4 हजार 331 रुपये का घोटाला मिला। इस मामले में निगम के पैसे की भरपाई करने के लिए अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल को 27 फरवरी 2020 को नोटिस दिया गया, लेकिन फर्म की ओर से यह भरपाई नहीं की गई थी। जांच में सामने आया कि बिजली निगम के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता निर्माण सतीश कुमार, एसडीओ निर्माण बलवान सिंह, कार्यकारी अभियंता निर्माण करनाल केएस भोरिया, एसके मक्कड, लेखाकार नफे सिंह की मिलीभगत से यह गबन हुआ है। एसडीओ बिजली निगम निर्माण संदीप पाहुजा की शिकायत पर गांधीनगर थाने में यह केस दर्ज हुआ था।