टोक्यो ओलिंपिक में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए शूटर संजीव राजपूत, जानिए कैसा रहा प्रदर्शन
भारतीय लोगों की टोक्यो ओलिंपिक 2020 में यमुनानगर के शूटर संजीव राजपूत से मेडल की उम्मीद थी। लेकिन वे क्वालीफाई राउंड क्लीयर नहीं कर सके। वे 32वें स्थान पर रहे। इस बार पिछले ओलंपिक से भी खराब प्रदर्शन रहा।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में शहर के शूटर संजीव राजपूत लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। वह 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशन शूटिंग में 39 खिलाड़ियों में 32वें नंबर पर रहे। लोगों ने उनसे पदक जीतने की जो उम्मीदें लगा रखी थी वह यहीं टूट गई। अंक तालिका में पिछड़ने के कारण वह आगे होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। तीनों राउंड में संजीव राजपूत ने मात्र 1157 अंक अर्जित किए। उनकी हार से जिलावासियों में निराशा का माहौल है।
पहली व तीसरी पाजिशन में नहीं कर पाए खास
संजीव राजपूत ने पहली पाजिशन (घुटनों के बल) में 96, 99, 95 व 97 अंकों के साथ कुल 387 अंक हासिल किए। दूसरी पाजिशन (प्रोन) में उन्होंने 97, 100, 98, 98 अंकों के साथ कुल 393 अंक हासिल किए। जबकि तीसरी पाजिशन (स्टैंडिंग) में 94, 93, 95, 95 अंकों के साथ कुल 377 अंक हासिल किए। आगे की प्रतियोगिताओं में क्वालीफाई करने के लिए संजीव को कम से कम 1176 अंकों की जरूरत थी।
पिछले ओलिंपिक से भी खराब प्रदर्शन
टोक्यो ओलंपिक संजीव राजपूत की यह तीसरी ओलंपिक उपस्थिति थी। उन्होंने 2008 बीजिंग और 2012 के लंदन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने बीजिंग में दो स्पर्धाओं में भाग लिया था। जिसमें 50 मीटर राइफल प्रोन में 591 अंकों के साथ 26 वें स्थान पर और 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशन 1162 अंकों के साथ 26वें स्थान पर रहे थे। 2012 में लंदन में राजपूत ने 1161 अंक लिए थे । इसमें भी वह 26वें स्थान पर रहे थे।
परिजनों में छाई मायूसी
संजीव राजपूत के मैच सुबह आठ बजे ही शुरू हो गए थे जो 11 बजे तक चलते रहे। उनके मैच शुरू होते ही उनके बड़े भाई मनोज राजपूत व अन्य परिजन टीवी देखने के लिए बैठ गए थे। परंतु जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता गया सबके चेहरों पर मायूसी दिखने लगी। मनोज राजपूत ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि संजीव आगे की प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई जरूर कर लेंगे। परंतु वह नहीं कर पाए। जबकि इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी। क्वालीफाई नहीं कर पाने की वजह क्या रही अभी इसका पता नहीं चल पाया है। क्योंकि अभी उनकी संजीव से बात नहीं हो पाई है।
शहरवासियों की थी एकमात्र उम्मीद
टोक्यो ओलिंपिक खेलों में संजीव राजपूत शहरवासियों की एकमात्र उम्मीद थी। क्योंकि जिला से वह केवल एक ही खिलाड़ी थे जो ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लेने के लिए टोक्यो गए थे। शहरवासी प्रवीण, अशोक का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि संजीव राजपूत टोक्यो ओलिंपिक में मैच जरूर जीतेंगे। परंतु उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। इससे उनमें भी काफी हताशा है।