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हाईवे पर बढ़ते हादसों पर सर्वे में चौंकाने वाला सच, पानीपत-जालंधर सिक्स लेन में 291 किमी तक 60 ब्लैक स्पाट

हाईवे पर बढ़ते हादसों के बाद सर्वे हुआ। पानीपत-जालंधर सिक्स लेन में 291 किमी तक 60 ब्लैक स्पाट मिले हैं। हरियाणा में 10 और पंजाब 50 स्थान चिन्हित। सर्विस लेन से हाईवे पर पशु न आएं इसके लिए लगाई थी फेंसिंग कारोबारियों ने इसे काट बनाए रास्ते।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 03:42 PM (IST)
हाईवे पर बढ़ते हादसों पर सर्वे में चौंकाने वाला सच, पानीपत-जालंधर सिक्स लेन में 291 किमी तक 60 ब्लैक स्पाट
पानीपत-जालंधर सिक्स लेन में 60 ब्लैक स्पाट।

अंबाला, [दीपक बहल]। पानीपत-जालंधर सिक्स लेन (291 किलोमीटर) में 60 ब्लैक स्पाट कालदूत बने हैं। हरियाणा में दो और पंजाब में एक जगह टोल प्लाजा से 600 करोड़ सालाना आमदनी करने वाली सोमा आइसोलक्स कंपनी ने इन ब्लैक स्पाट को दुरुस्त नहीं किया। जब एक ही स्थान पर बार-बार हादसे हुए तो नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने सर्वे कराया। सर्वे में हरियाणा में 10 और पंजाब में 50 ब्लैक स्पाट पाए गए। इसको लेकर एनएचएआइ और सोमा कंपनी के बीच में पत्राचार भी हुआ, लेकिन वाहन चालकों को अधिक राहत नहीं मिली। हालांकि मौजूदा समय में टोल वसूली बंद है और सोमा आइसोलक्स कंपनी इस प्रोजेक्ट से बाहर हो चुकी है।

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इतना ही नहीं इस हाईवे पर बेसहारा पशु न आएं इसके लिए टेंडर में फेंङ्क्षसग की शर्त थी। लंबे समय के बाद फेंङ्क्षसग लगाई गई, लेकिन बाद में कारोबारियों ने अपने फायदे के लिए इसे काट दिया। एनएचएआइ और सोमा आइसोलक्स के बीच हुए कई तरह के विवाद के चलते मार्च 2021 में कंपनी का टेंडर रद कर दिया गया। इसके बाद एनएचएआइ ने करनाल, अंबाला और लुधियाना के टोल अपने अधीन कर लिए हैं और ब्लैक स्पाट सही करने और मरम्मत का काम नई कंपनी को दे दिया है। अब खामियों को दुरुस्त करने का काम शुरू है। यह सिक्स लेन प्रोजेक्ट साल 2009 में शुरू हुआ था, लेकिन इसकी खामियां 2021 में पूरी की जा रही हैं, जिसको लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

शुरू से ही विवादों में रहा प्रोजेक्ट

पानीपत-जालंधर सिक्सलेन प्रोजेक्ट शुरू से ही विवादों में रहा है। सन 2008 में एनएचएआइ और सोमा आइसोलक्स के बीच समझौता हुआ और 2009 में काम शुरू कर दिया गया। नवंबर 2011 में प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना था, लेकिन काम समय से पूरा नहीं हुआ। विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट से निपटने के बाद मामला ट्रिब्यूनल में पहुंच गया, जहां पर सोमा आइसोलक्स व एनएचएआइ दोनों ने खुद को सही बताया, लेकिन इस विवाद में हाईवे से निकलने वाले लोगों को आज भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।

प्रदेश में हुए सड़क हादसे

वर्ष हादसों की संख्या

2017 11,258

2018 11,238

2019 10,944

2020,जून 4024

नोट : हाईवे पर होने वाले हादसे भी इसमें शामिल हैं।

काम किया जा रहा है : आरओ

एनएचएआइ के रीजनल आफिसर राकेश सिंह ने कहा कि ब्लैक स्पाट और मरम्मत को लेकर नई कंपनी को काम सौंपा गया है। इस पर काम शुरू कर दिया गया है और जल्द ही यह पूरा हो जाएगा।


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