कैथल की बेटी का कारनामा, किली मंजारों फतह, ये है अगला लक्ष्य
गांव करोड़ा की बेटी शोभा ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किली मंजारो में तिरंगा फहराया है। शोभा के इस कारनामे से गांव में खुशी का माहौल है। देश के लिए भी गर्व की बात है।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। जोश और जज्बा हो तो मंजिल दूर नहीं। इसे सच कर रही है करोड़ा की बेटी शोभा बनवाला ने। शोभा ने जो किया है उससे गांव के लोगों का ही नहीं, बल्कि देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उसने खतरों से मुकाबला करते हुए अपनी जान बचाकर मंजिल तक पहुंच तिरंगे की शान बढ़ाई है। जानिए आखिर शोभ ने ऐसा क्या किय, पढ़ें ये खबर।
जिला कैथल के गांव करोड़ा की बेटी शोभा बनवाला ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किली मंजारो को फतह कर जिले के साथ-साथ प्रदेश व देश का नाम भी रोशन किया है। शोभा जिले की पहली लड़की है, जिसने चोटी को फतह कर उस पर तिरंगा फहराया है।
18 नवंबर को चढऩा शुरू किया था
शोभा ने बताया कि उसने प्रदेश के तीन पर्वतारोहियों के साथ 18 नवंबर से चोटी पर चढ़ाई शुरू की थी, जिनमें कैथल से वह अकेली थी। इस चोटी की ऊंचाई 5895 मीटर है, जिस पर चढऩे में उन्हें चार दिन का समय लग गया। उन्होंने बताया कि चार दिन में इस मिशन को पूरा करने में हिमाल्याज एक्सपेडिशन कंपनी के मैनेजर एवं पर्वतारोही अशोक शुक्ला, रोहताश खिलेरी व विकास राणा ने उनका सहयोग किया।
पहलगांव में किया था अभ्यास
शोभा और उसके सहयोगियों ने मिशन की शुरुआत 29 अगस्त से की थी। तब से लेकर 21 सितंबर तक उन्होंने जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग एंड विंटर स्पोटर्स पहलगांव, जम्मू कश्मीर में अभ्यास किया। 13 से 18 अक्टूबर तक क्रिस्टल पीक, जिसकी ऊंचाई करीब पांच हजार मीटर है, उस पर तिरंगा फहराया। उसके बाद शोभा अपनी टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुई।
सबसे ऊंची चोटी को फतह करना है सपना
शोभा ने बताया कि उनका सपना सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है। इसी को ध्यान में रखकर वह तैयारी कर रही हैं, लेकिन इसके बहुत अधिक पैसा खर्च होगा और इसके लिए उन्हें सहयोग की भी जरूरत होगी। उन्हें उम्मीद है कि बहुत से लोग उनकी मदद को आगे आएंगे।
परिवार में खुशी की लहर
शोभा की इस उपलब्धि पर परिवार के सदस्यों और गांव के लोगों ने प्रसन्नता जताई। शोभा के भाई हरीश ने बताया कि परिवार के सदस्यों की ओर से उसका आगे भी पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिर्फ उन्हें ही नहीं गांव के सभी लोगों को शोभा पर गर्व है।