Chaitra Navratri 2021: 31 प्रजातियों के 35 रंगों के 31 लाख फूलों से सजा श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर
चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गई है। मां के मंदिरों को विशेष ढंग से सजाया गया है। हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ का नजारा ही अलग है। यहां से मां भगवती की पावन ज्योत के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी।
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर को देश-विदेश से 31 प्रजातियों के 35 विभिन्न रंगों के 31 लाख फूलों से की जा रही सजाया जा रहा है। कोरोना काल की लंबी अवधि के बाद इस वर्ष नवरात्रि उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा।
मंदिर की साज-सज्जा में नागालैंड से कंकरिया लॉन्ग, हाय डेंजर, थाईलैंड से आर्केट डेजे, बेंगलुरु से एथेरियम और जरबेरा सहित 31 प्रकार के फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही गेंदा, गुलाब इत्यादि भी महामाई के दरबार में अपनी खुशबू बिखेरेंगे। मंदिर की सजावट करने वाले कलाकार मुंबई और कलकत्ता से आए हैं। मंदिर मुख्य भवन को विशेषकर फ्रूट्स, जिसमें ड्रैगन फ्रूट सजावट का आकर्षण है। मंदिर की विशेष लाइटों की सजावट दिल्ली से कराई गई है। इसके साथ ही काली कमली मंदिर, श्री दुर्गा देवी मंदिर, लाडवा के बाला सुंदरी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सजावट का कार्य जोरों पर है।
मां भगवती की शोभायात्रा निकाली जाएगी
नवरात्र उत्सव के लिए कई दिनों से श्रीदेवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ में नवरात्र की तैयारियां चल रही हैं, जो सोमवार को देर रात तक पूरी हो गईं। सुबह जब शक्तिपीठ का कपाट खुलेगा तो मां भगवती के भव्य दरबार श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। नवरात्रि शुरू होने पर 13 अप्रैल को सरकार के नियमों का पालन करते हुए मां भगवती की शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें अबकी बार सिर्फ 52 शक्तिपीठों के प्रतीक 52 झंडे, 52 चांदी के शक्ति त्रिशूल, 52 कलश, ज्योति रथ, मां भद्रकाली की झांकी शामिल होंगी ।
दुबई के बुर्ज खलीफा की तरह होगी आतिशबाजी
मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि 13 अप्रैल को प्रथम नवरात्र विक्रमी संवत से हिंदू नव वर्ष का भी आगाज हो रहा है। ज्योति प्रतिस्थापना व आरती के पश्चात् रात्रि आठ बजे दुबई बुर्ज खलीफा पर कैलेंडर नव वर्ष के मौके पर होने वाली आतिशबाजी जैसा भव्य नजारा मां भद्रकाली कुरुक्षेत्र वाली जी के 108 फुट ऊंचे गुंबद पर दिखाई देगा। मंदिर परिसर में पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं से मास्क पहनकर ही मंदिर में आने का आग्रह किया। बच्चे और बुजुर्गों से भी निवेदन है कि वो फेसबुक पेज पर मंदिर के कार्यक्रमों को देखते रहें।
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