रोटी बैंक में छह वर्ष से दे रहे सेवा
रोटी बैंक की शुरुआत 2013 में हिसार से की गई थी। वर्तमान में हिसार के साथ जींद सिरसा फतेहाबाद भिवानी और चंडीगढ़ में ये सेवा की जा रही है। चावल और दाल के साथ सब्जी-रोटी की व्यवस्था रहती है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : छह वर्ष हो गए हैं। पानीपत के बस स्टैंड पर सौरभ चौहान रोटी बैंक चला रहे हैं। इस नेक काम में सेवानिवृत्त लोग भी सहयोग दे रहे हैं। रोजाना यहां पांच सौ लोगों को खाना खिलाया जाता है। रोटी बैंक के प्रभारी सौरभ चौहान ने बताया कि शादी और अन्य समारोह से बचा खाना भी आ जाता है, जिससे गरीब लोग भरपेट भोजन कर रहे हैं। बहुत से लोग सब्जी, दाल, चावल व आटा दान करते हैं।
रोटी बैंक की शुरुआत 2013 में हिसार से की गई थी। वर्तमान में हिसार के साथ जींद, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और चंडीगढ़ में ये सेवा की जा रही है। चावल और दाल के साथ सब्जी-रोटी की व्यवस्था रहती है।
चार साल पहले 2016 में बीएसएनएल से सेवानिवृत्त हो चुके बलवान रोहिला और पंजाब नेशनल बैंक से रिटायर हुए रमेश सिगला रोटी बैंक में सहयोग करते हैं। बलवान रोहिला और रमेश सिगला ने बताया कि रोटी बैंक के संस्थापक बलिद्र नैन ने 2013 में हिसार से रोटी बैंक खोला था। सात शहरों में प्रति दिन करीब 5 हजार लोग खाना खाते हैं। उनकी एक ही तमन्ना थी कि कोई भी बिना रोटी खाए न सोए।
मल्होत्रा मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में मरीजों को कर रहे कोरोना महामारी से सतर्क
मल्होत्रा अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डा. पुनीत मल्होत्रा का कहना है कि इस समय लोग कोरोना महामारी से बचाव पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लापरवाही कर रहे हैं, जिससे वह कभी भी महामारी की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं, क्योंकि जागरूकता से ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। हम अपनी पूरी टीम के साथ इस अभियान में जुड़े हैं। जो व्यक्ति हमारे साथ जुड़े हैं, उनको हम समय-समय पर जागरूक करते हैं। इसके अलावा गरीब लोगों के घरों में जाकर सैनिटाइज करते हैं। डा. सोना मल्होत्रा भी इसी प्रकार कोरोना महामारी से बचने के लिए महिलाओं को सतर्क कर रही हैं। उनका कहना है कि गर्भवती महिलाओं को अपने रहन-सहन में जरूरी बदलाव करने चाहिए। गर्भवती महिलाओं के पास जाने से पहले सैनिटाइज हो जाएं। नहाने के बाद ही उनके पास जाएं। कोरोना महामारी से गर्भवती और बच्चों दोनों को खतरा है।