हरियाणा में होगा निरंकारी संत समागम, अमृतसर में हमले के बाद सुरक्षा बढ़ाई
अमृतसर में निरंकारी भवन पर आतंकी हमले के बाद हरियाणा में अलर्ट। हरियाणा के पानीपत में समालखा स्थित भवन में 24 से 26 नवंबर को आयोजित किया जाएगा समागम।
पानीपत, जेएनएन। अमृतसर के निरंकारी भवन में आतंकी हमले के बाद हरियाणा के पानीपत में समालखा स्थित निरंकारी भवन में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां पर 24 से 26 नवंबर तक समागम होना है। हल्दाना बार्डर के पास संत निरंकारी अध्यात्मिक स्थल पर 71वें वार्षिक संत समागम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। तीन दिनों तक चलने वाले इस समागम में देशभर से लाखों की संख्या में संगत पहुंचेगी।
निरंकारी सेवा दल के सैकड़ों जवान भी संगत की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। सत्संग में भाग लेने आने वाले हर व्यक्ति की आईडी देखी जा रही है। मिशन से जुड़े लोगों को ही अंदर जाने दिया जा रहा है। संगत की भीड़ को देखते हुए 14 अक्टूबर से ही यहां हरने सहित अन्य चीजों की व्यवस्था की जा रही है।
छह सौ एकड़ में फैला है समागम स्थल
करीब साढ़े चार एकड़ में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पंडाल और टेंट लगाया गया है। प्रतिदिन चार से पांच हजार सेवादार समागम की व्यवस्था में लगे हुए हैं। यह समागम स्थल करीब छह सौ एकड़ में फैला हुआ है। समागम स्थल पर सत्संग पंडाल, प्रदर्शनी, प्रकाशन स्टालों, लंगर, कैंटीन, डिस्पेंसरी सहित बाहर से आने वाले भक्तों के लिए सारी व्यवस्था की जा रही है।
ट्रेन की भी विशेष सुविधा
समागम में भाग लेने वालों की सुविधा के लिए भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन पर 10 नवंबर से ही सभी मेल-एक्सप्रेस गाडिय़ां दो मिनट के लिए ठहराव किया गया है। उक्त गाडिय़ां 5 दिसंबर तक रुकेंगी। रेलवे स्टेशन सहित समालखा, गन्नौर में उतरने वाले श्रद्धालुओं के लिए जीटी रोड-बस स्टैंड पर जगह-जगह सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई है।
बढ़ा दी गई है पुलिस सुरक्षा: डीएसपी
डीएसपी बिजेंद्र सिंह ने कहा कि निरंकारी संत समागम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संगत के आने जाने वाले हर प्वाइंटों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। समागम स्थल के पास दो पीसीआर और दो ग्रुपों में 10 -10 जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। संदिग्ध व्यक्तियों पर पुलिस की पैनी नजर है। राइडर की भी ड्यूटी लगाई गई है।
जरूरत होने पर लेंगे प्रशासन की मदद : कृपा सागर
संत निरंकारी मिशन के प्रेस प्रवक्ता कृपा सागर ने कहा कि समालखा और पंजाब में स्थिति अलग-अलग है। यहां हमले जैसा खतरा नजर नहीं आ रहा है। उनके सैकड़ों सेवादल के कार्यकर्ता सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं। जरूरत पडऩे पर वे प्रशासन की मदद लेंगे।