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दोस्ती का ये कैसा अंजाम, साथ खाना खाया, नौकरी की, जरा सी बात पे जान ले ली

कैनरा बैंक के एटीएम में कैश डालने गए वाहन में सिक्योरिटी गार्ड ने चालक को गोली मार दी। इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। चालक की मौके पर मौत हो गई। गार्ड ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 02:52 PM (IST)
दोस्ती का ये कैसा अंजाम, साथ खाना खाया, नौकरी की, जरा सी बात पे जान ले ली
दोस्ती का ये कैसा अंजाम, साथ खाना खाया, नौकरी की, जरा सी बात पे जान ले ली

पानीपत, जेएनएन। आठ साल की पहले जिस दोस्ती की शुरुआत हुई थी उसका अंत खौफनाक हुआ। चिढ़ाने और चुनौती देने से नाराज होकर दोस्त की जान ले ली और खुदकुशी भी कर ली। उसने दोस्त को तीन गोलियां मारी। दोनों एटीएम में कैश डालने गए कैश वाहन में ही झगड़ पड़े थे। दोनों के बीच रुपये के लेनदेन में डेढ़ महीने पहले भी झगड़ा हुआ था। महेश ने सुशील के सीने में गोलियां दाग दी और आत्मग्लानि में खुद को भी गोली मारकर खत्म कर लिया।

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करनाल के बिरचपुर सुशील कौशिक की बल्ला गांव के महेश संगडोया से आठ साल से दोस्ती थी। सुशील ने ही महेश को राइटर सेफ गार्ड कंपनी में गार्ड की नौकरी दिलाई थी। डेढ़ महीने पहले रुपयों के लेनदेन में दोनों में तनातनी हो गई। महेश ने सुशील को रिवाल्वर दिखाकर धमकाया भी था कि पांचों गोलियां सीने में उतार देगा। तब सुशील ने कंपनी के अधिकारियों को अवगत कराया और दोस्त राकेश को भी घटना की जानकारी दी, लेकिन महेश को गंभीरता से नहीं लिया। इसकी वजह यह भी कि सुशील का तगड़ा शरीर था और महेश का शरीर कमजोर था।

यकीन नहीं था कि दोस्त गोली मार देगा
सुशील की महेश का साथ गाली-गलौच हुई। तब सुशील ने यह गुमान नहीं था कि दोस्त महेश गोली भी चला देगा। पहले हुए झगड़े से सनकी महेश तिलमिलाया हुआ था ऊपर से सुशील ने चिढ़ाया और गोली चलाने की चुनौती दे डाली। इससे परेशान व बौखलाये महेश ने तीन गोलियां सुशील के शरीर में उतार कर आठ साल की दोस्ती का अंत कर दिया। आत्म ग्लानि में महेश ने भी खुद को गोली मारकर जीवनलीला खत्म कर ली। 

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गोलियों की तड़तड़ाहट से सहमे लोग 
गोलियों की तड़तहाड़ट से स्काई लार्क रोड के लोग सहम गई। पास में चाय की दुकान चलाने वे शंकर खोके के पीछे छिप गए। राहगीर इधर-उधर भाग गए। जहां पर वारदात हुई उससे आठ मीटर दूर स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि मेडिकल स्टोर पर बैठे संजय ने बताया कि वह अंदर कुर्सी पर बैठा था। तभी उसने सामने एटीएम कैश वैन की अगली सीट पर बैठे महेश व सुशील झगड़े देखा। अचानक महेश ने रिवाल्वर निकालकर चार गोलियां सुशील को दाग दी। सुशील चालक सीट पर ही ढेर हो गए। एक गोली खिड़की में भी लगी। वारदात के बाद खिड़की खोल महेश नीचे उतरे तो उसके हाथ कांप रहे थे। महेश ने खुद से सिर में गोली मार ली और जमीन पर गिर गए। खून जमीन पर बिखरा हुआ था। इस वारदात से वह और आसपास के पड़ोसी दुकानदार सन्न रह गए। 

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सुशील का फाइल फोटो।

पहले बाइक मैकेनिक था, वैन चालक की नौकरी से सुधर रही थी घर की हालत
बड़े भाई सुशील की मौत की खबर सुनकर छोटा भाई सुरेंद्र कौशिक सामान्य अस्पताल में विलाप करते हुए बेहोश हो गए। लोगों ने उन्हें सांत्वना दी और पानी पिलाकर शांत किया। ऑटो चालक सुरेंद्र ने बताया कि भाई सुशील की पहले करनाल में बाइक ठीक करने दुकान थी।आठ साल पहले भाई ने दुकान छोड़ एटीएम कैश वैन चलाना शुरू किया था। इससे परिवार की आर्थिक स्थित में सुधार हुआ। भाई ने कभी गांव में किसी से झगड़ा नहीं किया। महेश को भी सुशील बड़ा भाई मानता था। उसी महेश ने भाई की हत्या कर घर की खुशी छीन ली है। उसके भाई सुशील ने महेश से रुपये उधा नहीं लिये थे। सुशील के परिवार में पत्नी रजनी, बेटा प्रिंस (12), बेटी परी (4), बड़ी बहन रेखा है। पिता रामनिवास लिबर्टी कंपनी करनाल में सिक्योरिटी गार्ड हैं। 

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महेश का फाइल फोटो।

महेश पर हत्या का आरोप
2011 में महेश पर आरोप लगाया था कि उसने कई लोगों की साथ मिलकर अपने ही परिवार की एक युवती और पड़ोस के युवक की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। महेश दोनों के प्रेम विवाह से खफा था। इस मामले में महेश सहित पुलिस ने आठ लोगों पर मामला दर्ज था। महेश जेल भी गया था। बाद में आरोपित बरी हो गए थे। जब महेश करनाल जेल में था तब सुशील कौशिक ने उसकी मदद भी की थी। महेश के परिवार में बड़ा भाई दिनेश, सुरेश, बहन कुसुम है। छोटे भाई दिनेश, पिता खजान सिंह और मां छन्नो की मौत हो चुकी है।    

पांच हजार रुपये न लौटाने से खफा था महेश 
हत्या आरोपित महेश के ताऊ के बेटे पम्मी ने दावा किया कि महेश ने दोस्त से सुशील कौशिक को पांच हजार रुपये उधार दिलाये थे। महेश ने गांव के चार युवकों को कंपनी में लगवाया था, लेकिन उन्हें सुशील ने निकलवा दिया था। सुशील उधार के रुपये भी नहीं लौटा रहा था। इससे महेश परेशान था। महेश ने बड़े भाई सुरेश ने मंगलवार को ही कहा था कि सुशील उसे  तंग कर रहा है। वह नौकरी छोड़ देगा। सुरेश ने भी नौकरी छोड़ देने के लिए कहा था। उन्हें नहीं पता था कि बात इतनी बढ़ जाएगी कि महेश सुशील को गोली मार देगा। इस घटना से दोनों परिवारों की खुशी छिन गई है। 

पुलिस ने की विकास और निलेश से पूछताछ 
सीआइए-1 प्रभारी संदीप छिक्कारा ने बुआना लाखू के विकास और जैन मुहल्ला के निलेश से पूछताछ की। दोनों के मोबाइल की भी कॉल डिटेल खंगाली गई। कैश वैन को भी कब्जे में लिया। 


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