सोमवती अमावस्या पर ब्रह्मसरोवर पर लागू रही धारा 144, नहीं हो सका स्नान
सोमवती अमावस्या पर ब्रह्मसरोवर को पूर्ण बंद रखा गया किसी भी श्रद्धालु को सरोवर की ओर नहीं जाने दिया गया। सरोवर पर तीर्थ पुरोहितों ने यहां पहुंचे श्रद्धालुओं से पिंडदान कराए
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। हालांकि कोरोना महामारी के चलते पवित्र सन्निहित सरोवर व ब्रह्मसरोवर में स्नान पर प्रतिबंध के चलते श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाए, मगर उन्होंने अपने पितरों के निमित पिंडदान अवश्य किए। सोमवती अमावस्या पर ब्रह्मसरोवर को पूर्ण बंद रखा गया, किसी भी श्रद्धालु को सरोवर की ओर नहीं जाने दिया गया। सन्निहित सरोवर पर तीर्थ पुरोहितों ने यहां पहुंचे श्रद्धालुओं से पिंडदान कराए। वहीं श्रावण माह का तीसरा सोमवार होने के कारण मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने महादेव के जयकारों से देवालयों को गूंजा दिया।
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि सोमवती अमावस्या पर कुरुक्षेत्र के सन्निहित सरोवर व ब्रह्मसरोवर में देश भर के पवित्र सरोवरों व नदियों का जल सम्मिलित हो जाता है। यहां स्नान करने से 13 गुणा फल की प्राप्ति होती है, जो 13 दिन तक बढ़ता है। इसी के चलते सूर्यग्रहण के अलावा सोमवत्ती अमावस्या पर पवित्र सन्निहित सरोवर व ब्रह्मसरोवर में प्रदेश व अन्य प्रदेशों से लाखों लोग स्नान व पिंडदान के लिए पहुंचते हैं। कोरोना महामारी के चलते इस बार सोमवती अमावस्या पर स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया था, ब्रह्मसरोवर के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस का पहरा रहा। वहीं प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाई गई थी। केवल सन्निहित सरोवर पर ही तीर्थ पुरोहितों ने यहां पहुंचे श्रद्धालुओं से उनके पितरों के पिंडदान कराए। लोगों ने भी कोरोना के चलते घरों में ही स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित किया और पूजा-पाठ किया।
मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में अमावस्या पूजन के साथ ही सावन महीने का नियमित पार्थिव शिवलिंग अभिषेक हुआ। महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में यजमान विनेश शर्मा, सतीश शर्मा, बिट्टू शर्मा और उनके परिवार के सदस्यों ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक कराया। पार्थिव शिवलिंग अभिषेक के उपरांत मारकंडा नदी में विसर्जन किया गया।
भगवान श्री ब्रह्मा मंदिर में श्री शक्ति दुर्वासेश्वर महादेव शिवलिंग पर गंगाजल अभिषेक, फलों के रस से पंचामृत स्नान कराकर चंदन के लेप के उपरांत श्रृंगार किया गया। शिव सहस्त्रनामावली से 1000 बेल पत्रों के साथ ओंकार भगवान के नामों से पूजन किया
हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजें मंदिर
श्रावण माह का तीसरा सोमवार होने व सोमवती अमावस्या के चलते शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। हर-हर महादेव व बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने दूध, दही, गंगाजल, फल, फूल, वेलपात्र व भांग चढ़ा कर पूजन किया। दुखभंजन महादेव मंदिर के पुजारी ने श्रद्धालुओं से विधिवत पूजन