पानीपत/जींद, जेएनएन। जींद जिला परिषद का दूसरे दिन का सत्र नहीं हुआ। प्रधान प्रवीन घणघस ने आते ही सत्र को रद करते हुए कहा कि जब तक जिला परिषद के कामों पर लगी रोक सरकार नहीं हटाती, तब तक जिला परिषद कोई सत्र व मीटिंग नहीं होगी। जिसके बाद पार्षद और विभिन्न विभागों के अधिकारी उठकर चले गए। प्रधान के अचानक सत्र रद करने के फैसले से अधिकारी व पार्षद भी अचंभित रह गए। प्रधान सत्र के पहले दिन वीरवार को बीमार होने के कारण नहीं पहुंची थी। उनकी अनुपस्थिति में उप प्रधान उमेद सिंह रेढू ने सत्र की अध्यक्षता की थी। प्रधान ने सत्र रद करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले छह माह से नगर परिषद के विकास कार्यों पर सरकार ने रोक लगाई हुई है। करीब आठ करोड़ रुपये की ग्रांट वितरण भी नहीं हो पा रही। दो माह पहले हाउस की मीटिंग में ग्रांट वितरण का प्रस्ताव पास हो चुका है। इसके बावजूद ग्रांट का वितरण नहीं हो पा रहा। जो काम पहले हो चुके हैं, उनकी पेमेंट भी नहीं हो रही। वह बहुत दुखी हैं। अगर जिला परिषद काम ही नहीं करा पा रही, तो सत्र या मीटिंग बुलाने का क्या फायदा है। उन्होंने सीएम व डिप्टी सीएम से जल्द जिला परिषद के कामों पर लगी रोक हटाने की मांग की। प्रधान प्रवीन घणघस के पति नरेंद्र घणघस बीजेपी नेता हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के नजदीकी हैं।
रोक हटाने के लिए डिप्टी सीएम से मिले थे पार्षद
पंचायती राज विभाग डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। जून में जेजेपी जिला प्रधान कृष्ण राठी और पूर्व जिला परिषद प्रधान पदमा सिंगला की शिकायत के बाद जिला परिषद के कामों पर मुख्यालय की तरफ से रोक लगाई गई थी और जांच के आदेश दिए गए थे। प्रधान ने बताया कि जांच भी हो चुकी है। पिछले दिनों जींद में डिप्टी सीएम से पार्षद मिले थे। तब डिप्टी सीएम से सभी वार्डों में समान ग्रांट वितरण करने के लिए कहते हुए जल्द रोक हटवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन इसके बावजूद विकास कार्यों पर लगी रोक नहीं हटी है। प्रधान ने कहा कि पार्षद सभी वार्डों में समान ग्रांट वितरण के लिए तैयार हैं।
नोटिस देकर बुलाए थे अधिकारी
सत्र के पहले दिन ज्यादातर विभागों के अधिकारी नहीं आए थे। जिस पर पार्षदों ने नाराजगी जताई थी और सीईओ की तरफ से अधिकारियों को नोटिस भेज कर शुक्रवार को आने के लिए कहा गया था। नोटिस जारी होने के बाद विभागों के अधिकारी तो पहुंच गए। पार्षद भी अपने वार्ड से संबंधित समस्याओं व कामों को लेकर अधिकारियों से सवाल-जवाब कराने के लिए लिस्ट बनाकर आए थे। लेकिन सत्र रद होने से उनकी तैयारियां धरी रह गई। इस पर कुछ पार्षदों ने नाराजगी भी जताते हुए कहा कि लंबे समय
पार्षदों ने सरकार पर साधा निशाना
इनेलो समर्थित पार्षद अमित निडानी ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी की ठगबंधन सरकार है, जो जिले में विकास कार्य नहीं करवाना चाहती। इसलिए जिला परिषद के कामों पर लगी रोक नहीं हटाई जा रही। विभाग में कमीशन का खेल चल रहा है। उसी कमीशन के चक्कर में ग्रांट वितरण पर रोक लगाई हुई है। पार्षद सतपाल उर्फ सत्तु ढांडा ने कहा कि पार्षद किसी पार्टी के नहीं हैं। उन्हें उनके वार्ड के लोगों ने चुन कर भेजा है। इसलिए उनके काम होने चाहिएं। सरकार जनता हित में विकास कार्यों से रोक हटाए। अगर जल्द ही रोक नहीं हटी, तो कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा।
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