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करंट लगने पर झुलसे कर्मचारी की पांचवें दिन मौत, जेई व एसडीओ पर केस दर्ज

पांच दिन पहले शहर में सेठी चौक के पास काम करते समय करंट लगने पर झुलसे एएलएम रामफल की सोमवार सुबह मौत हो गई। उसका दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा था। मृतक के भाई ने निगम के एसडीओ व जेई पर रामफल को प्रताड़ित करने व बिना परमिट के चालू लाइन पर काम करने के लिए चढ़ाने का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 08:43 AM (IST)
करंट लगने पर झुलसे कर्मचारी की पांचवें दिन मौत, जेई व एसडीओ पर केस दर्ज
करंट लगने पर झुलसे कर्मचारी की पांचवें दिन मौत, जेई व एसडीओ पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, पानीपत : पांच दिन पहले शहर में सेठी चौक के पास काम करते समय करंट लगने पर झुलसे एएलएम रामफल की सोमवार सुबह मौत हो गई। उसका दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा था। मृतक के भाई ने निगम के एसडीओ व जेई पर रामफल को प्रताड़ित करने व बिना परमिट के चालू लाइन पर काम करने के लिए चढ़ाने का आरोप लगाया है। इस कारण ये हादसा हुआ। मामले में किला थाना पुलिस ने एसडीओ व जेई के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया है।

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गांव पाथरी निवासी राजपाल सिंह ने किला थाना पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसका छोटा भाई रामफल (45) सिटी सब डिविजन (किला) पानीपत में डीसी रेट पर कार्यरत था। उसे सब डिविजन के एसडीओ व जेई द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। इस कारण वह मानसिक दबाव में था। 22 जुलाई को ड्यूटी के दौरान जेई व एसडीओ द्वारा दबाव बनाकर उसे बिना परमिट के चलती लाइन पर काम करने के लिए चढ़ाया गया। इस कारण उसे बिजली का करंट लगा।

करंट लगने के बाद उन्होंने उसे माडल टाउन स्थित सोनी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया। सोमवार को सुबह के समय रामफल ने दम तोड़ दिया। राजपाल का आरोप है कि एसडीओ द्वारा अस्पताल में आकर रामफल की पत्नी रीना को धमकाया गया कि अगर आप कोई कार्रवाई करेंगे तो तुम्हारे खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उसने पुलिस से जेई व एसडीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं किला थाना पुलिस ने एसडीओ अनिल श्योकंद व जेई राजेश रहेजा के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच में सब साफ हो जाएगा

सिटी सब डिविजन के एसडीओ अनिल श्योकंद का कहना है कि निगम की तरफ से नियम के हिसाब से जो कार्य उन्हें दिया गया था, वो वहीं काम कर रहे थे। काम करते समय ये हादसा हुआ। काम के प्रति उन्होंने या किसी ओर ने लापरवाही बरती, ये जांच का विषय है। उसमें सब साफ हो जाएगा। जहां तक बात प्रताड़ित करने और धमकाने की है, उन्होंने किसी को नहीं धमकाया। ड्यूटी का शेड्यूल है। उससे बाहर जाकर किसी से काम नहीं लिया जा सकता है। आरोप एकदम निराधार हैं। हादसे की होगी जांच

सिटी डिविजन के एक्सईएन विनोद गोयल ने दैनिक जागरण को बताया कि बिजली मीटर लगाने के दौरान ये हादसा हुआ था। उस वक्त संबंधित ट्रांसफार्मर की सप्लाई कट थी। लेकिन केबल निकालते समय ऊपर से गुजर रही तार से करंट लगने पर हादसा हुआ। विभाग अपने स्तर पर हादसे व अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच कराएगा।


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