विज के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम के निर्माण में 46 करोड़ का घोटाला, एसई को जान का खतरा
हरियाणा में घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम के निर्माण में 46 करोड़ का घोटाला हुआ। चंडीगढ़ मुख्यालय से चार एसई और अंबाला में तीन सदस्यीय कमेटी ने अलग-अलग की जांच।
अंबाला, [दीपक बहल]। अंबाला कैंट के वार हीरोज़ मेमोरियल स्टेडियम में 117 करोड़ की लागत से बन रहे फीफा से अप्रूव्ड अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम में पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) विभाग के अधिकारियों ने 46 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया। स्टील और अन्य सामग्री की अधिक खरीद दिखाकर स्टेडियम में सामान लगा दिखा दिया गया।
मुख्यालय ने जब इसकी जांच की तो घोटाले की परतें खुलती चली गईं। हालांकि अभी कुछ सामग्री की ही जांच हुई, जिसमें 36 करोड़ रुपये का जो सामान आया ही नहीं, उसकी पेमेंट करने की बात सामने आ रही है, जबकि स्टील के लिए टेंडर में दिए गए रेट को अधिकारियों ने चुपके से बढ़ा दिया, जिसमें भी करीब दस करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।
चंडीगढ़ मुख्यालय से चार सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (एसई) ने जांच की, जबकि अंबाला से एसई के नेतृत्व में दो कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) ने जांच की। घोटाले में लिप्त एक्सईएन, एसडीओ और जेई को बर्खास्त या फिर निलंबित करने की सिफारिश कर दी गई है। यह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसमें अधिकारियों ने करोड़ों के वारे न्यारे कर दिए।
बता दें कि अंबाला कैंट के वार हीरोज़ मेमोरियल स्टेडियम में पालीग्रास का अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम 11 अप्रैल 2017 को शुरू हुआ था। अभी तक यह निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। विज ने भी कई बार अधिकारियों की क्लास लगाई की प्रोजेक्ट क्यों लेट हो रहा है। उधर, एसई सुखबीर सिंह ने जान का खतरा बताते हुए प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत की है। विज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी को शिकायत मार्क कर कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहले करीब 33 हजार क्विंटल स्टील लगाने की बात कही। प्राइवेट कंपनी को बीच-बीच में पेमेंट भी जारी होती रही। टेंडर में जो स्टील का रेट दिया गया था, उसको भी अधिकारियों ने चुपचाप बढ़ा दिया। जब बाद में जांच बैठी तो टेंडर में बढ़ी कीमत को घटा दिया गया। इस घोटाले की जानकारी जब पीडब्ल्यूडी विभाग के आला अधिकारियों को मिली, तो चार सदस्यीय कमेटी ने जांच की।
स्टेडियम में जो स्टील व अन्य सामग्री लगाई गई, उसकी आधुनिक मशीनों से जांच की गई, तो पता चला कि 33 हजार क्विंटल स्टील लगने की बात सामने आ रही थी, वह मात्र साढ़े तेरह हजार क्विंटल ही पाया गया। हालांकि 3270 क्विंटल स्टील साइट पर पड़ा था। जो स्टील और सामग्री लगी ही नहीं उसकी भी 36 करोड़ रुपये की पेमेंट जारी कर दी गई। टेंडर में पहले स्टील 62 रुपये किलो रेट मंजूर किया था, लेकिन उसे भी 138 रुपये किलो कर दिया गया। ऐसे में रेट बढ़ाने पर भी करीब दस करोड़ रुपये अधिक जारी कर दिया गया। ऐसे में अभी कुछ सामग्री की जांच होने पर 46 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।
यह है फुटबाल स्टेडियम
117 करोड़ रुपये की लागत से अंबाला कैंट के वार हीरोज़ मेमोरियल स्टेडियम में फीफा से अप्रूव्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबाल स्टेडियम बन रहा है। इस में दर्शकों के बैठने के लिए कुर्सियां लगी हैं। इसी तरह यहां पर खिलाड़ियों के लिए रूम, जिम, मीडिया गैलरी, लिफ्ट, वीआइपी लांज, कमेंट्री रूम है। इसी तरह फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं, जिसके चलते रात के समय भी फुटबाल मैच हो सकेंगे। इसके अलावा सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का निर्माण भी किया जाना है। सबसे अहम फुटबाल मैदान पालीग्रास का तैयार किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार है।
एसई ने जान का बताया खतरा - विज
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम उनके ड्रीम प्रोजेेक्टों में से एक है। पीडब्ल्यूडी विभाग के एसपी ने खुद की जांच को खतरा बताया है, जिसकी जांच के आदेश एसपी को दे दिये हैं।