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विज के ड्रीम प्रोजेक्‍ट पर हुआ बड़ा खेल, हुआ घोटाला, एक्‍शन में डिप्‍टी सीएम

अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम में 46 करोड़ के घोटाले को अफसरों ने तीन माह दबाए रखा था। डिप्टी सीएम बोले -मंगवाएंगे फाइल। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के ड्रीम प्रोजेक्ट में हुआ बड़ा खेल। अक्टूबर में भेजी बर्खास्तगी की सिफारिश ठंडे बस्ते में डाली।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 02:18 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 02:18 PM (IST)
विज के ड्रीम प्रोजेक्‍ट पर हुआ बड़ा खेल, हुआ घोटाला, एक्‍शन में डिप्‍टी सीएम
अंतरराष्‍ट्रीय फुटबाल स्‍टेडियम में घोटाला सामने आया।

अंबाला, [दीपक बहल]। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम में 46 करोड़ के घोटाले की फाइल तीन माह से अधिकारी दबाकर बैठे हैं। इससे लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दैनिक जागरण को बताया कि प्रोजेक्ट में खामियां मिली हैं और इसकी प्रारंभिक जांच हो चुकी है। जो भी घोटाले में लिप्त होगा, चाहे वह अधिकारी हो या कांट्रेक्टर, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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पीडब्ल्यूडी विभाग बीएंडआर के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (एसई) ने 12 अक्टूबर 2021 को कार्यकारी अभियंता, एसडीओ और जेई को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, इस फाइल को डिप्टी सीएम तक नहीं पहुंचने दिया गया। यही कारण है कि अंबाला के एसई की सिफारिश की जानकारी डिप्टी सीएम को है ही नहीं। स्पष्ट है कि इस घोटाले में तीन अधिकारियों के अलावा और अधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है।

चालीस करोड़ के टेंडर जो सन 2017 में डाला गया, उसका तीन बार रेट रिवाइज़ कर उसे 115.16 करोड़ कर दिया गया। यह फाइल अंबाला के अधिकारियों के हाथों से होते हुए चंडीगढ़ तक गई। अंबाला शहर में एक समारोह में आए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे इस मामले की फाइल मंगवाएंगे।

बता दें कि फीफा से अप्रूव्ड अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने घोटाला कर दिया। स्टेडियम में पहले करीब 33 हजार क्विंटल स्टील लगाने की बात कही। प्राइवेट कंपनी को बीच-बीच में पेमेंट भी जारी होती रही। टेंडर में जो स्टील का रेट दिया गया था, उसको भी अधिकारियों ने चुपचाप बढ़ा दिया। जब बाद में जांच बैठी तो टेंडर में बढ़ी कीमत को घटा दिया गया। आधुनिक मशीनों से जांच की गई, तो पता चला कि 33 हजार क्विंटल स्टील लगने की बात सामने आ रही थी, वह मात्र साढ़े तेरह हजार क्विंटल ही पाया गया। हालांकि 3270 क्विंटल स्टील साइट पर पड़ा था। जो स्टील और सामग्री लगी ही नहीं उसकी भी 36 करोड़ रुपये की पेमेंट जारी कर दी गई।

टेंडर में पहले स्टील 62 रुपये किलो रेट मंजूर किया था, लेकिन उसे भी 138 रुपये किलो कर दिया गया। ऐसे में रेट बढ़ाने पर भी करीब दस करोड़ रुपये अधिक जारी कर दिया गया। ऐसे में अभी कुछ सामग्री की जांच होने पर 46 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।

इस सिफारिश को तीन माह दबाए रखा

घोटाले को लेकर चीफ इंजीनियर हरियाणा पीडब्ल्यूडी बी एंड आर चंडीगढ़ को पत्र लिखा गया था। इस पत्र में अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई थी, लेकिन इसे तीन माह तक दबाए रखा। इसमें बताया गया था कि स्टेडियम में के निर्माण में कई गड़बडिय़ां पाई गई हैं। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भी लेटर लिखा गया था। इस में अधिकारियों व निर्माण एजेंसी की मिलीभगत पाई गई है। इसी कारण से तीन अधिकारियों को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया है, लेकिन वे अधिकारियों ने अपना पक्ष नहीं रखा। इसी पर अधिकारियों को सस्पेंड करने की सिफारिश की थी।

इस मामले को इनवेस्टिगेट कर लिया गया है, कुछ कमियां मिली हैं। कमेटी पहले से ही बनी हुई है। जितने लोग लिप्त होंगे, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफसरों को बर्खास्त करने की सिफारिश तीन माह पहले आई है, ऐसा मेरी जानकारी में नहीं है। मेरी टेबल पर फाइल आते ही कार्रवाई की जाएगी।

-दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री, हरियाणा


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