Move to Jagran APP

छोटी काशी के शिव मंदिर की मान्‍यता, श्रीराम के पूर्वज ने की शिव आराधना, महाकाल ने दिए दर्शन

हरियाणा को महाभारत की युद्ध भूमि के साथ धार्मिक नगरी भी कहते हैं। हरियाणा की छोटी काशी कैथल में श्रीराम के पूर्वजों ने शिव की आराधना की थी। पूजन से खुश होकर महाकाल भगवान शिव ने उन्‍हें दर्शन दिए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 03:33 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 03:33 PM (IST)
छोटी काशी के शिव मंदिर की मान्‍यता, श्रीराम के पूर्वज ने की शिव आराधना, महाकाल ने दिए दर्शन
कैथल के कलायत स्थित खटवांगेश्वर शिव मंदिर।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल के कलायत खंड के गांव खंडालवा में स्थापित शिव मंदिर आस्था का केंद्र हैं। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग हजारों वर्ष पुराना है। यह ऐसा शिव मंदिर है, जहां पर श्रीराम के पूर्वज ने भगवान शिव की आराधना की तो स्वयं महाकाल स्वयं दर्शन देने के लिए पहुंचे। ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम के उस पीढ़ी के पहले के पूर्वज राजा खट्वांग ने भगवान शिव की अराधना की थी।

loksabha election banner

राजा खट्वांग द्वारा की गई आराधना के बाद जब भगवान शिव उनसे प्रसन्न हुए तो उन्होंने उन्हें उनके नाम से पूजे जाने का आशीर्वाद दिया। जिसके बाद यहां स्थापित शिवलिंग का नाम खटवांगेश्वर पड़ा। इसके बाद से यहां स्थापित ऐतिहासिक शिवलिंग का वजूद नहीं मिटा है। मंदिर में खटवांगेश्वर में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस गांव की अन्य विशेषता यह भी है कि यहां केवल साधु संतों की आबादी ही रहती है।

Shiv temple

मंदिर में यह है वर्तमान स्थिति

यह मंदिर एक ऊंचे टीले में स्थापित है। इसकी ऊंचाई करीब 120 फीट है। मंदिर परिसर में भव्य हवन कुंड भी स्थापित किया गया है। इसमें सैकड़ों श्रद्धालु हवन करते हैं। एक गोशाला भी बनी है। जिसमें करीब तीन हजार गाेवंश मौजूद हैं। जिसकी देखरेख मंदिर समिति की ओर से की जा रही है। मंदिर में स्थापित गाेशाला में श्री कृष्ण जन्माष्टमी और राधा अष्टमी के उपलक्ष्य पर भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

पूरी होती सभी मन्नतें

मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा शिवरात्रि के दिन यहां स्थित प्राचीन पेड़ पर धागा बांधने से सभी मन्नतें पूरी होती है। जिसके बाद यहां स्थापित शिवलिंग पर गुड़ की बेली चढ़ाई जाती है। श्रावण मास की शिवरात्रि पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।

ऐसे पहुंचे खंडालवा

खंडालवा स्थित शिव मंदिर कलायत से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि कैथल से इसकी दूरी करीब 33 किलोमीटर है। इस मंदिर में बस से पहुंचने के लिए कलायत पहुंचना होगा है। जिसके बाद यहां से आटो से मंदिर पहुंचा जा सकता है। श्रद्धालुओं को ट्रेन के माध्यम से मंदिर में पहुंचने के लिए समीप के रेलवे स्टेशन कलायत पहुंचना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.