Hum Do Hamare Do: हम दो हमारे दो में पानीपत का सार्थक, राजकुमार राव के बचपन का निभाया किरदार
Hum Do Hamare Do Movie बालीवुड एक्टर राजकुमार राव और कृति सेनन की मूवी हम दो हमारे दो मूवी रिलीज हो गई है। पानीपत शहर के छोटे राजकुमार का एक शाट में इस मूवी के लिए चयन हो गया था। सार्थक ने राजकुमार के बचपन का किरदार निभाया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। Hum Do Hamare Do Movie: बालीवुड अभिनेता राजकुमार राव की नई फिल्म आई है- हम दो, हमारे दो। डिज्नी हाटस्टार के ओटीटी यानी ओवर द टाप प्लेटफार्म पर रिलीज हुई फिल्म में छोटे राजकुमार यानी उनके बचपन का किरदार निभाया है पानीपत के 12 वर्षीय सार्थक शर्मा ने। आडिशन के एक शाट में ही उसका चयन हो गया। करीब दस मिनट की भूमिका में सार्थक ने दिल जीत लिया है। उनके घर बधाइयां पहुंच रही हैं। बच्चे तक उसके आटोग्राफ ले रहे हैं। इससे पहले सार्थक ने एक विज्ञापन की माधुरी दीक्षित के साथ शूटिंग की थी।
सार्थक का परिवार समालखा की कृष्णा कालोनी में रहता है। मां जीवन ज्योति खुद थियेटर आर्टिस्ट हैं। पिता आशीष शर्मा एडवोकेट हैं। बड़ी बहन आठवीं क्लास की छात्रा अविका को भी थियेटर का शौक है। सार्थक को अभिनय के गुण घर से ही मिलने लगे। मां पहले निजी स्कूल में पढ़ाती थीं। उन्होंने और उसी स्कूल की मोनिका सलूजा ने नौकरी छोड़कर अपना ही एक ग्रुप बनाया, जिसका नाम रखा- एबीसीए यानी एनी बडी कैन एक्ट।
लाकडाउनलोड में सिखाया
जीवन ज्योति ने जागरण को बताया कि लाकडाउन के वक्त बच्चों को आनलाइन ही अभिनय करना सिखाते। कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने को है। अब सेक्टर 12 में दोबारा से क्लास शुरू करने जा रहे हैं। इससे पहले, हम दो, हमारे दो फिल्म का पता चला। आनलाइन आडिशन हुआ। इसमें इनके ही ग्रुप के बच्चों ने भाग लिया, जिसमें सार्थक का चयन हुआ। परेश रावल के साथ सार्थक को अभिनय करना था।
चंडीगढ़ और मोहाली में शूटिंग
इंटरव्यू और आडिशन के एक शाट में बच्चे का आत्मविश्वास देखा तो उसे चुन लिया गया। चंडीगढ़ और मोहाली में सार्थक की शूटिंग हुई। मोनिका सलूजा का कहना है कि थियेटर सीखने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। जीवन में किसी भी क्षेत्र में कामयाब हो सकते हैं। सार्थक की शूटिंग परेश रावल के साथ हुई है। परेश रावल भी सार्थक की प्रतिभा देखकर हैरान रह गए।
फिल्म की कहानी : राजकुमार राव फिल्म में ध्रूव शिखर के किरदार में हैं। अनाथ हैं और एक ढाबे पर काम करते हैं। अन्या मेहरा से प्रेम हो जाता है। अन्या चाहती है कि उसकी शादी अच्छे परिवार में हो, जिनके पास एक डाग भी हो। ध्रूव ढाबा मालिक और पूर्व प्रेमिका को अपने पिता-माता बनाकर सामने लाते हैं। पर सगाई के दिन ही पोल खुल जाती है। रिश्ता टूट जाता है। बाद में दोनों फिर एक हो जाते हैं।