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लक्षचंडी महायज्ञ से बड़ा एलान, उत्तर पूर्वी राज्यों में हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए त्रिपुरा पीठ का होगा गठन

कुरुक्षेत्र में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ से संत समाज ने बड़ा एलान किया है। उत्तर पूर्वी राज्यों में हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए त्रिपुरा पीठ के गठन का फैसला लिया गया है। जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज को स्वीकृति जता चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 10:23 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 10:23 AM (IST)
लक्षचंडी महायज्ञ से बड़ा एलान, उत्तर पूर्वी राज्यों में हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए त्रिपुरा पीठ का होगा गठन
यज्ञ सम्राट धर्म प्रचारक हरिओम महाराज को सौंपी जा सकती है पीठ की बागडोर।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी राज्यों में हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए संत समाज त्रिपुरा पीठ का गठन करेगा। थीम पार्क में बुधवार को 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ के दौरान बुधवार को संत सम्मेलन में संत समाज इस पीठ की विधिवत घोषणा कर सकता है।

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बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार इस पर अपनी स्वीकृति भी जता चुके हैं। पीठ की बागडोर यज्ञ सम्राट धर्म प्रचारक हरिओम महाराज को सौंपने की बात सोमवार संपन्न हुए संत सम्मेलन में मंच से कही जा चुकी है। शंकराचार्य वासुदेवानंद सोमवार देर रात को संत सम्मेलन में श्री त्रिपुर सुंदरी माता को उत्तर पूर्व क्षेत्र के शक्तिपीठ के तौर घोषित भी कर चुके हैं। इसके अलावा मतांतरण के बढ़ते मामलों पर भी संत समाज कोई बड़ा निर्णय ले सकता है। इसके चलते संत सम्मेलन पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है।

सोमवार शाम को संत सम्मेलन में पहुंचे थे ज्योतिष पीठाधीश्वर के जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज

मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार की ओर से थीम पार्क में 501 कुंडीय लक्षचंडी महायज्ञ और शाम को संत सम्मेलन किया जा रहा है। सोमवार को बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज संत सम्मेलन में पहुंचे थे। उनके साथ काशी सुमेरू पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेशानंद सरस्वती, जगदगुरु घनश्यामा तीर्थ जी महाराज, परमहंस हरिचैतन्य ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज, जयराम विद्यापीठ से ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, राजपुरी डेरा बाता (कैथल) के महंत इंद्रगिरी पहुंचे थे। उन्होंने मंच से त्रिपुर सुंदरी को शक्तिपीठ घोषित करने की घोषणा की थी। इसके अलावा उन्होंने त्रिपुरा पीठ का गठन करने के बाद वहां के पीठाधीश यज्ञ सम्राट धर्म प्रचारक हरिओम महाराज को बनाने की बात भी कही थी। इस पर आखिरी निर्णय बुधवार को होने वाले संत सम्मेलन में लिए जाने की बात कही जा रही है।

संत सम्मेलन में पहुंचेंगे ये संत

बुधवार को होने वाले संत सम्मेलन में सदगुरुदेव स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज, प्रयागराज च्योतिष जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज, जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी सत्यनारायणाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज, मुंबई श्रीजयराम पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, महंत नरसिंहानंद सरस्वती महाराज, गाजियाबाद महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद भारती महाराज, कनखल हरिद्वार महामंडलेश्वर स्वामी सरस्वतानंद गिरि महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, महामंडलेश्वर विकास दास महाराज, अंबाला महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वानंद गिरि महाराज, रोहतक महंत योगी अमरनाथ शिरकत करने के लिए पहुंचेंगे।


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