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निर्माण से पहले ही चर्चा में प्रदेश का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय, कुलपति पर भ्रष्‍टाचार का आरोप

संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। इसकी शिकायत पीएमओ को भी दी गई। पीएमओ की ओर से मामला पुलिस को भेजा गया और उसकी जांच शुरू की गई। निर्माण से पहले ही संस्कृत विश्वविद्यालय विवादों में आता रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 12:01 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 12:01 PM (IST)
निर्माण से पहले ही चर्चा में प्रदेश का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय, कुलपति पर भ्रष्‍टाचार का आरोप
संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप।

पानीपत/कैथल, [कमल बहल]। कैथल के गांव मूंदड़ी में बनने वाले महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति पर भ्रष्टाचार और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगा है। इसको लेकर पीएमओ हाउस में यह शिकायत पहुंची थी। इसके बाद अब पीएमओ हाउस की ओर से पुलिस को जांच की सिफारिश कर दी गई है। इस मामले को लेकर सदर थाना पुलिस ने जांच शुुरू कर दी है।

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सोमवार को जांच अधिकारी ने पीएमओ में शिकायत भेजने वाले लव कुश महातीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए। सदर थाना के कार्यरत एएसआइ अशोक कुमार ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ पीएमओ में दी गई शिकायत उनके पास पहुंची है। जिसकी वह जांच कर रहे है। इस शिकायत के कुलपति पर छात्राओं से अभद्र व्यवहार करने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। उन्हें यह शिकायत एक दिन पहले ही मिली है। इस पर वह अपने स्तर पर जांच करेंगे। जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो मामला दर्ज किया जाएगा। बता दें कि लव कुश महातीर्थ ट्रस्ट की ओर से कुछ समय पहले पीएमओ हाउस में शिकायत भेजी गई थी। जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति पर विद्यार्थियों से अभद्र व्यवहार करने और विवि परिसर में लाए जा रहे सामान में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है। इसी आरोपों की सच्चाई को लेकर पीएमओ हाउस ने पुलिस के पास भेज दिया है।

बता दें कि जिले के गांव मूंदड़ी में भगवान वाल्मीकि के नाम पर प्रदेश का प्रदेश का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय बनाया जाना है। इसकी घोषणा सरकार ने वर्ष 2015 में की गई थी। जिसके निर्माण न होने पर पिछले लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है। गांव मूंदड़ी के लव-कुश महातीर्थ ट्रस्ट और कुलपति विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण न होने पर आमने-सामने हैं। भूमि पूजन के बाद दो साल बीत जाने के बाद भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिस कारण ट्रस्ट के सदस्य कुलपति पर जानबूझकर निर्माण में देरी करने का आरोप लगाते हैं। हाल ही में सरकार की ओर से गांव जटहेड़ी में 55 एकड़ की जमीन का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद भी ट्रस्ट और कुलपति के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। अब पीएमओ हाउस में पहुंची शिकायत पुलिस के पास पहुंची है। जिसमें सीधे कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।

आरोप निराधार

मेरे खिलाफ बार-बार जो शिकायतें दी जा रही हैं, वह बिल्कुल निराधार हैं। कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं। मेरी ऐसी कोई भी मंशा नहीं है, जिससे विश्वविद्यालय को कोई नुकसान पहुंचाया जाए। मैं विश्वविद्यालय के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।

- डा. श्रेयांश द्विवेदी, कुलपति, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय


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