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राजनीति के रण में सिंह की गर्जना, हॉकी के सूरमा के सियासी सफर से छूट रहे महारथियों के पसीने Panipat News

पिहोवा विधानसभा सीट से हॉकी के सूरमा संदीप सिंह भाजपा से प्रत्‍याशी हैं। हॉकी के मैदान में भी नाम कमाने वाले सूरमा अब राजनीति पुराने सूरमाओं के पसीने छुड़वा रहे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 11:27 AM (IST)
राजनीति के रण में सिंह की गर्जना, हॉकी के सूरमा के सियासी सफर से छूट रहे महारथियों के पसीने Panipat News
राजनीति के रण में सिंह की गर्जना, हॉकी के सूरमा के सियासी सफर से छूट रहे महारथियों के पसीने Panipat News

पानीपत/कुरुक्षेत्र, [रमेश गर्ग]।  अब तक हॉकी के मैदान में सूरमा बनकर विरोधियों को परास्त करने वाले संदीप सिंह की गर्जना राजनीति के मैदान में भी सुनाई देने लगी है। राजनीति में नए जरूर हैं, मगर उनके पैंतरे देखकर इस अखाड़े के पुराने महारथी भी पसीना-पसीना हैं। रोज 18 घंटे की प्रचार कसरत दिनचर्या में शामिल है। हमने भी उनके साथ एक दिन गुजारा। पिहोवा विधानसभा सीट से प्रत्‍याशी संदीप सुबह छह बजे प्रचार के लिए घर से निकल जाते हैं। रात को 12 बजे या इससे भी देर तक उनका प्रचार चलता रहता है। पूरे दिन सभाओं और लोगों से मिलने के बाद वे रात को दो या तीन घंटे ही नींद ले पाते हैं।

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खेल के मैदान पर भी देश और लोगों का मान बढ़ाया है 

संदीप सिंह लोगों को अपना परिचय देते हुए सबसे पहले खिलाड़ी बताते हैं और कहते हैं कि उन्होंने खेल के मैदान पर भी देश और देश के लोगों का मान बढ़ाया है। अब राजनीति के क्षेत्र में भी वे अपने समाज में अच्छे काम करने के लिए आए हैं। वे कहते हैं कि मैं एक खिलाड़ी हूं और यहां राजनीति करने नहीं आया। राजनेताओं की तरह घुमा फिराकर बात करना मुङो नहीं आता, बल्कि सीधी और दिल से बात करता हू। इसलिए जो भी वादे मैं कर रहा हूं उन्हें पूरा करुंगा। उन्होंने शहर में लोगों से पैर छूकर आशीर्वाद लिया और कहा कि दूसरों की तरह सब्जबाग दिखाना मेरी आदत नहीं है।

मैदान मुश्किल, मगर जीतना है

एक अन्य जनसभा के दौरान संदीप ने कहा कि खिलाड़ी को शुरू से सिखाया जाता है कि हमेशा अपने विवेक से काम लेना चाहिए। इसलिए वे सिर्फ वही करते हैं जो लक्ष्य को पाने के लिए जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि राजनीति का रण खेल के मैदान से ज्यादा मुश्किल जरूर है, मगर उन्हें यहां भी उतना ही प्यार मिल रहा है, जितना मैदान में अच्छी परफॉरमेंस करने पर मिलता है।

लोगों का स्नेह ही मेरी ऊर्जा 

ऊर्जा मुङो लोगों के प्रेम और कार्यकर्ताओं के उत्साह से मिलती है। किसी भी खेल या राजनीति में जब भी कोई व्यक्ति जीतता है तो वह उसकी अकेले की जीत नहीं होती, बल्कि पार्टी और पूरी टीम की जीत होती है। मेरे साथ कार्यकर्ता भी पूरी मेहनत कर रहे हैं। कार्यकर्ता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं।


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