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कहीं जहरीली तो नहीं ये शराब, विभाग की लापरवाही है बड़ी वजह Panipat News

शहर में शराब के नमूनों की जांच नहीं हो रही है। ऐसे में शराब मौत की वजह बन सकती है। प्रशासन भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

By Edited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 11:49 AM (IST)
कहीं जहरीली तो नहीं ये शराब, विभाग की लापरवाही है बड़ी वजह Panipat News
कहीं जहरीली तो नहीं ये शराब, विभाग की लापरवाही है बड़ी वजह Panipat News

पानीपत, [राज सिंह]। जिले में अंग्रेजी, देशी शराब और बीयर की करीब 225 दुकानें खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से लाइसेंस बिना संचालित हैं। विभागीय अधिकारी मैन पॉवर और संसाधनों की कमी बताकर पंद्रह माह में एक भी दुकान पर शिकंजा नहीं कस सके हैं। दुकान संचालक भी नियम को लेकर बेसुध हैं। ये हालात तब हैं जब मिलावटी शराब बिक्री और उसके सेवन से मौत होने की सम्भावना बनी रहती है।

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दरअसल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने शराब-बीयर को भी जांच के दायरे में ले लिया है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धारा 3 (जे) के तहत अंग्रेजी और देशी शराब सहित बीयर पेय पदार्थ की श्रेणी में आती हैं। प्रदेश सरकार ने अप्रैल-2018 में आदेश जारी किया था कि शराब और बीयर विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा। एफडीए के अधिकारी खाद्य पदार्थों के अन्य प्रतिष्ठानों की भांति इन दुकानों से भी सैंपल ले सकेंगे।

आबकारी विभाग के मुताबिक जिले में अंग्रेजी, देशी शराब और बीयर की करीब 225 दुकान हैं। हैरत यह कि एक भी दुकान संचालक ने एफडीए से लाइसेंस नहीं लिया है। विभागीय अधिकारी लाइसेंस जांच और सैंपलिंग के लिए अभियान तक नहीं चला सके हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. श्यामलाल ने बताया के मैन पॉवर और संसाधनों के अभाव में रूटीन निरीक्षण में भी दिक्कत आ रही है। शराब-बीयर विक्रेताओं को नोटिस भिजवाएं हैं ताकि वे लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकें। जल्द ही जांच अभियान चलाया जाएगा।

तीन-तीन माह में आती है रिपोर्ट
खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लिए गए नमूनों की रिपोर्ट तीन-तीन माह में मिल रही है। बता दें कि पानीपत से एकत्र किए गए नमूने करनाल स्थित लैब में जांच के लिए भेजे जाते हैं। पानीपत के करीब 50 नमूनों की रिपोर्ट लंबित है, इनमें इस माह के 20 नमूने भी शामिल हैं। लैब ने एक नोटिस भेजकर जांच-रिपोर्ट के लिए 24 अगस्त तक का समय मांगा है।

पांच लाख रुपये तक जुर्माना
अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ के निर्माण, पैकिंग से लेकर उसकी बिक्री तक नियमों का पालन करना जरूरी है। कोई कारोबारी बिना लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन के शराब-बीयर बेचता मिला तो 6 माह साधारण कारावास और 5 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। बोतल पर निर्माण अवधि, दर, मात्र आदि का स्पष्ट उल्लेख नहीं करने पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।


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