जिदगी की कमाई लेकर छोड़ दिया बेसहारा
जागरण संवाददाता समालखा बुजुर्ग अस्पताल में है। ऐसी जरूरत में भी पैसे नहीं मिलेंगे तो उनके म
जागरण संवाददाता, समालखा : बुजुर्ग अस्पताल में है। ऐसी जरूरत में भी पैसे नहीं मिलेंगे तो उनके मरने के बाद पैसों का क्या करेंगे। नया बनाने के लिए दो साल पहले पुराना मकान उखाड़ दिया। आज तक ऐसे ही पड़ा है। कोरोना में कामकाज छूटा हुआ है। मुसीबत में काम आ सके, इसी आस में पैसे जमा कराए थे। मुसीबत के वक्त ही नहीं मिलेंगे तो बाद में क्या करेंगे। कुछ इन्हीं शब्दों के साथ शुक्रवार को सर्विस लेन स्थित सहारा बैंक कार्यालय में पहुंचे उपभोक्ताओं ने जमकर हंगामा किया। शाखा मैनेजर ने समझाने की कोशिश की, लेकिन उपभोक्ता शांत नहीं हुए। आखिर में उन्हें पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस कर्मियों ने ब्रांच मैनेजर से बात कर उन्हें समझाया तो उपभोक्ता लौटे।
सिवाह निवासी विधवा बबीता ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करके बच्चों का पेट पाल रही है। चारों बच्चों के नाम 25-25 हजार की 12 साल की एफडी कराई थी। 2016 में वो पूरी हो चुकी है। पैसे मिलने की आस में घर भी नया बनाने के लिए उखाड़ दिया। लेकिन चार साल से पैसे के लिए चक्कर लगा रही हूं। जब भी आती हूं, यहां के अधिकारी व कर्मचारी आश्वासन दे लौटा देते हैं। दूसरी जगह ब्रांच में पैसे मिल रहे हैं।
रिश्तेदारों के लगवाए पैसे
भोड़वाल माजरी निवासी राजकुमार ने बताया कि पत्नी सहारा के ही एजेंट का काम करती है। खुद के रिश्तेदारों के अलावा अन्य लोगों की कापी खुलवाने के साथ लाखों रुपये की एफडी कराई थी। उनकी एफडी व कापी पूरी हुए दो से तीन साल बीत चुके हैं। उपभोक्ता उनके घर चक्कर लगा रहे हैं। वो शाखा में आते हैं तो हर साल कोर्ट में चल रहे केस व बजट न होने का राग सुना टाल दिया जाता है।
एक साल से लगा रहा हूं चक्कर
आशीष चुलकाना ने बताया कि कापी खुलवाई थी। किसी तरह से बचाकर 32 हजार रुपये जमा कराए। कापी को पूरे हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन पैसे नहीं मिल रहे हैं। जब भी आता हूं, आश्वासन देकर टाल दिया जाता है।
अपने पास से कर दी एफडी
पड़ाव मोहल्ला निवासी सुनीता ने बताया कि दो साल की कापी खुलवाई थी। पूरी होने पर कर्मचारी ने पैसे देने की बजाय खुद ही दो साल की एफडी कर दी। इसी तरह देवरानी पूजा व सास प्रेमलता की एफडी पुरी हो चुकी है, उन्हें भी पैसे देने की बजाय घुमाया जा रहा है। जबकि हमें पैसों की सख्त जरूरत है।
न कलेक्शन हो रही, न आ रहा बजट
शाखा मैनेजर आरके गिरि ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते कलेक्शन नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में केस के चलते ऊपर से भी किसी भी तरह का बजट नहीं आ पा रहा है। इसलिए समस्या पैदा हुई है। जैसे ही बजट आएगा, तुरंत सभी उपभोक्ताओं का भुगतान कर दिया जाएगा।