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कजाखस्तान के पहलवान पर भारी पड़ा Haryana के छोरे का फीतले दांव, 27 सेकंड में पलटी बाजी Panipat News

चीन में आयोजित सब जूनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में सागर जागलान ने फाइनल मुकाबले में कजाखस्तान के पहलवान बेक्सुलतानाव को पटकनी दी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 12:27 PM (IST)
कजाखस्तान के पहलवान पर भारी पड़ा Haryana के छोरे का फीतले दांव, 27 सेकंड में पलटी बाजी Panipat News
कजाखस्तान के पहलवान पर भारी पड़ा Haryana के छोरे का फीतले दांव, 27 सेकंड में पलटी बाजी Panipat News

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। राजनगर के पहलवान सागर जागलान उर्फ कट्टर ने आखिर के 27 सेकंड में फीतले दांव लगा छह अंक हासिल कर कजाखस्तान के पहलवान को चित कर सब जूनयिर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया। प्रतियोगिता चीन में 22 से 24 नवंबर तक हुई।

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मुकाबला शुरू होते ही कजाखस्तान के पहलवान बेक्सुलतानाव अपनी फुर्ती के कारण सागर पर भारी पड़े और छह अंक ले लिये। इस दौरान सागर को सिर्फ एक अंक मिला। मुकाबले के अंतिम 27 सेकंड में सागर ने बाजी पलट दी। पसंदीदा फीतले दांव लगाकर छह अंक हासिल कर 7-6 के अंतर से मुकाबला अपने नाम कर लिया। इससे पहले सागर ने तीन कुश्ती आसानी से जीतकर फाइनल में जगह बनाई और पदक जीतकर ही दम लिया। 

विश्व कुश्ती में स्वर्ण जीतना लक्ष्य

सागर जागलान ने बताया कि उसका लक्ष्य अगले वर्ष होने वाली एशियन व विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। पूर्व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच प्रेम सिंह आंतिल ने जीत पर खुशी जताई और बताया कि सागर लड़कों में जिले का पहला पहलवान बन गया है जिसने यह खिताब जीता है। 

बजरंग से सीखा फीतले दांव, पिता को पदक समर्पित

सागर ने बताया कि वह पहलवान बजरंग पूनिया से एक महीने में तीन बार मिल चुका हूं। उन्हीं की कुश्ती देख फीतले दांव का अभ्यास किया। बजंरग ने भी उसे दांव की बारीकी बताई थी। इसी दांव के बूते ही उसने सफलता भी मिली है। सोनीपत के रोहणा गांव स्थित भोलादास अखाड़े के कोच अश्विनी दहिया ने तकनीक में सुधार किया और पिता मुकेश जागलान ने साथ दिया। इसी वजह से वह पदक जीत पाया। पदक वह पिता को समर्पित करता हूं। 

मोबाइल फोन पर देखा मुकाबला, पिछडऩे पर रोने लगे बहन-भाई

मूल रूप से नौल्था गांव के मुकेश जागलान ने बताया कि रेसलिंग टीवी पर सागर का फाइनल मुकाबला था। केबल पर चैनल नहीं है। इसी वजह से मोबाइल फोन पर पिता रणधीर सिंह, मां कमला, पत्नी सरिता, छोटे भाई नरेश, नरेश की पत्नी रेनू, बेटे गौरव व मानषी ने मुकाबला देखा। शुरू में सागर कजाखस्तान के पहलवान से पिछड़ गया। इस पर गौरव और मानषी रोने लगे। उसने बच्चों को समझाया कि सागर हारेगा नहीं। सागर ने ऐसा करके  दिखा दिया और जीत हासिल की। इसके बाद बच्चे और स्वजन खुश हो गए। 


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