बच्चों के साथ गिरफ्तारी देने पहुंचे, पुलिस ने बंद किया दरवाजा
जागरण संवाददाता पानीपत बर्खास्त पीटीआइ शिक्षक बहाली के लिए शुक्रवार को अपने बच्चों के साथ
जागरण संवाददाता, पानीपत : बर्खास्त पीटीआइ शिक्षक बहाली के लिए शुक्रवार को अपने बच्चों के साथ गिरफ्तारी देने पहुंच गए। इससे पहले कि शिक्षक लघु सचिवालय में प्रवेश करते, पुलिस ने मुख्य गेट ही बंद कर दिया। शिक्षक लघु सचिवालय के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। 19 मिनट धरने और नारेबाजी के बाद शिक्षकों को गिरफ्तार कर बसों में बैठाया। जहां से उन्हें फिर धरने पर छोड़ दिया गया।
प्रदेशभर के 1983 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। पानीपत में 75 पीटीआइ शिक्षक इससे प्रभावित हैं। बहाली की मांग को लेकर पीटीआइ शिक्षक बीते 61 दिनों से लघु सचिवालय के समक्ष धरना और क्रमिक अनशन कर रहे हैं। शिक्षकों ने 14 अगस्त को जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी।
शिक्षक सपरिवार सबसे पहले जीटी रोड पर लघु सचिवालय के सामने पुल के नीचे एकत्र हुए। यहीं पर नारेबाजी की। इनके छोटे बच्चे भी वहीं बैठे थे। 12 बजकर 14 मिनट पर धरने से उठे और सीधे लघु सचिवालय पहुंच गए। सभी ने सोचा था कि जेल भरेंगे। डीसी को ज्ञापन देंगे। तभी पुलिस ने मुख्य गेट बंद कर दिया। सभी अपने बच्चों के साथ गेट पर ही बैठ गए और धरना दे दिया। जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान जाम की स्थिति भी बन गई। 12 बजकर 34 मिनट पर सभी ने गिरफ्तारी दी। इस दौरान शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति प्रधान गजेसिंह, कश्मीर सिंह, सोहना बत्रा, राजपाल डॉ. सुरेंद्र, अमरीश त्यागी, महावीर सहरावत, राजपाल, सरपंच नरेंद्र और पूर्व विधायक चौ. भरत सिंह संबोधित किया।
दो मिनी बस लेकर पहुंची पुलिस
पुलिस इन लोगों को ले जाने के लिए दो मिनी बस लेकर आई। जब संख्या ज्यादा दिखी तो रोडवेज की दो बसें और मंगाई गईं। महिलाओं को अलग और पुरुषों को अलग बस में बैठाया गया। इनको लघु सचिवालय से बस से लेकर खंडा चौक तक पहुंचे। वापस धरना स्थल पर ही छोड़ दिया। पुलिस के जवान मौके पर मौजूद रहे, ताकि जाम लगाए जाने की स्थिति से निपटा जा सके।
सांसद, विधायक को ज्ञापन दे चुके
शिक्षक बहाली की मांग को लेकर सांसद संजय भाटिया, विधायक प्रमोद विज को ज्ञापन दे चुके हैं। सर्व कर्मचारी संघ, शिक्षक संघ, खाप पंचायतें इनको समर्थन दे चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के विधायक धर्म सिंह छोक्कर, बलबीर बाल्मीकि भी साथ देने का वादा कर चुके हैं।
ये है मामला : 1983 पीटीआइ शिक्षकों को हटाया गया था। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों की याचिका खारिज कर इनकी जगह नई नियुक्तियां करने का आदेश दिया था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में अप्रैल 2010 में ये शिक्षक नियुक्त हुए थे। हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 11 सितंबर 2012, 30 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नियुक्ति रद की थी। शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी मामले में कई सवाल उठे। नियुक्ति में अनियमितता की बात कहते हुए इन्हें रद किया गया था।