नियम 134ए: हरियाणा में अधर में लटका विद्यार्थियों का भविष्य, निजी स्कूल और शिक्षा विभाग के फेर में फंसे
हरियाणा में शिक्षा अधिनियम 134 ए के तहत जिलेभर से 1971 विद्यार्थियों को सीट अलाट की गई हैं। लेकिन 15 जनवरी तक इनमें से मात्र 825 आवेदन ही प्रक्रिया में लाए गए। इनमें से भी 249 आवेदन तो रिजेक्ट हो गए। मात्र 575 विद्यार्थियों को ही दाखिला मिल पाया है।
अंबाला, जागरण संवाददाता। हरियाणा में बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों के फेर में जिले के 1146 बच्चे फंस गए हैं। अब इन विद्यार्थियों का भविष्य इन दोनों के बीच अंधकारमय होता नजर आ रहा है। यही कारण है कि इन्हें लेकर अभिभावक दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। दरअसल शिक्षा अधिनियम 134 ए के तहत जिलेभर से 1971 विद्यार्थियों को सीट अलाट की गई हैं। लेकिन 15 जनवरी तक इनमें से मात्र 825 आवेदन ही प्रक्रिया में लाए गए। इनमें से भी 249 आवेदन तो रिजेक्ट हो गए। मात्र 575 विद्यार्थियों को ही दाखिला मिल पाया है।
आमने- सामने सरकार और निजी स्कूल
बता दें कि इस मामले को लेकर निजी स्कूल और शिक्षा विभाग तो आमने सामने हो ही गए हैं साथ ही सीधे तौर पर सरकार को भी निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट में घसीट लिया है। हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल बनाव राज्य सरकार मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इस पर अब अगली सुनवाई 28 जनवरी को होनी है। अलबत्ता अब 134 ए के तहत दाखिले नए सत्र तक खींच सकते हैं । क्योंकि ज्यादातर निजी स्कूल फरवरी माह में वार्षिक परीक्षा आयोजित करते हैं।
मान्यता रद्द करने के नोटिस का भी नहीं निजी स्कूलों को भय
डीईओ अंबाला सुरेश कुमार ने बताया कि अंबाला में करीब 30 निजी स्कूलों ने 1146 विद्यार्थियों को दाखिला देने से इंकार किया है। इन सभी को जिला शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर मान्यता रद्द तक करने की चेतावनी भी जारी कर दी है लेकिन इसका भी इनको कोई भय नहीं है। सभी स्कूल संचालकों ने विभाग के शो काज नोटिस का जवाब भी दे दिया है। हमने 30 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हमारा प्रयास है कि सभी को दाख़िला दिलवाया जाए। नियमो की उल्लंघना करने वाले स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।