यात्रियों का क्या कसूर, टैक्स न देने पर आरटीए ने जब्त की बस, रात भर भूखे पेट ठंड में ठिठुरे
आरटीए ने उत्तरप्रदेश जा रही निजी बस को इंपाउंड कर दिया। रात भर यात्री ठंड में ठिठुरते रहे। यात्रियों के लिए बस मुहैया कराए बिना ही आरटीए टीम लौट गई।
पानीपत, जेएनएन। जालंधर से उत्तर प्रदेश के बहराइच जा रही निजी बस को पानीपत की आरटीए टीम ने सोमवार देर शाम इंपाउंड कर दिया। आरटीए टीम यात्रियों के लिए बस मुहैया कराए बिना ही लौट गई। ऐसे में कड़ाके की ठंड में 30-32 यात्री रातभर बस में बंधक बने रहे। बस डिपो में खड़ी रही। सुबह जुर्माना चुकाने के बाद बस रवाना हुई।
दरअसल, सोमवार शाम सात बजे उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी आरटीए से रजिस्टर्ड प्राइवेट बस बिना स्टेट टैक्स का भुगतान किए पानीपत बस स्टैंड के पास मिली। आरटीए की टीम ने बस इंपाउंड कर पानीपत डिपो के यार्ड में खड़ी कर दी। चालक प्रमोद को यात्रियों के लिए दूसरी बस मुहैया कराने के आदेश देकर टीम चली गई। कड़ाके की ठंड में यात्रियों ने भूखे ही बस स्टैंड परिसर में रात बिताई। सुबह साढ़े 10 बजे 51 हजार रुपये का चालान भुगतने के बाद ही बस रवाना हुई।
चालक का आरोप- स्टेट टैक्स के नाम पर हुई ठगी
चालक ने बताया कि उसने कुंडली बॉर्डर पर एक दलाल से स्टेट टैक्स का भुगतान कराया था। दलाल ने 1900 रुपये लिए, लेकिन महज 420 रुपये का भुगतान किया। टीम ने रसीद दिखाने के बावजूद बस को इंपाउंड कर दिया। कैश पेमेंट नहीं होने की वजह से रात में ही चालान नहीं भुगत पाया।
रात भर ठंड में ठिठुरते रहे बच्चे
बहराइच के राजाबोड़ी गांव निवासी देसराज ने बताया कि वह अपनी भाभी प्रेमा, छह साल के भतीजे सर्वेश और चार साल की भतीजी शिवानी के साथ बस में सवार हुआ था। पानीपत बस स्टैंड यार्ड में बस खड़ी कराते ही गार्ड ने उन्हें बस स्टैंड परिसर में इंतजार करने के लिए कहा। चालक ऑनलाइन चालान भुगतने का बहाना बनाकर चला गया। ऐसे में बच्चे रात भर ठंड में ठिठुरते रहे।
रात को दिया जवाब, तलाशते रहे साधन
बहराइच के वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रात लगभग 11 बजे चालक प्रमोद ने सुबह चालान का भुगतान करने की बात कही। किराया लौटाने से इन्कार कर दिया। कहा कि किराये के रुपये से डीजल डलवा लिया। इस कारण वे रात भर साधन तलाशते रहे।
आरटीए सहायक सचिव शम्मी शर्मा से सीधी बातचीत :
प्रश्न: क्या चालक को चालान भुगतान के लिए कोई विकल्प दिया था?
उत्तर: हां, चालक को कैश, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से चालान भुगतान का विकल्प दिया गया। उसके पास पेमेंट नहीं थी।
प्रश्न: यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिए क्या किया?
उत्तर: चालक ने टीम के सामने कई बार ट्रांसपोर्टर सुरजीत से बात करके एक घंटे तक दूसरी बस मुहैया कराने की बात कही।
प्रश्न: क्या टीम के सामने दूसरी बस आ गई थी?
उत्तर: नहीं, टीम के सामने दूसरी बस नहीं आई थी। अन्य अवैध वाहनों की धरपकड़ के लिए टीम रात में चेकिंग के लिए चली गई।