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करनाल जेल की आरजे को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, तिनका-तिनका जीने का नया हौसला देती सोनिया की कहानी

करीब 21 साल पहले अपने माता-पिता भाई और बच्चों समेत आठ लोगों की हत्या करने वाली सोनिया को फांसी की सजा सुनाई गई थी। सजा के दौरान हरियाणा की अलग-अलग जेलों में उसका तबादला होता रहा। फिलहाल वह करनाल जेल में है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 09:32 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 09:32 PM (IST)
अपनी मां की कामयाबी से प्रभावित होकर लंबे समय बाद मिलने पहुंचा बेटा।

करनाल, जागरण संवाददाता। हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला हलके के पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया सामूहिक हत्याकांड की दोषी सोनिया की जिंदगी में इतने मोड़ आए हैं कि इन्हें जानकर हर किसी को कोई न कोई नसीहत मिल सकती है। ऐसे में आज करनाल जेल में रेडियो जाकी बन चुकी सोनिया चौधरी को तिनका तिनका बंदिनी राष्ट्रीय पुरस्कार मिलते देखना सुखद अनुभूति कराता है। सोचकर सहसा यकीन नहीं होता कि यह वही सोनिया है, जिसने पति संजीव कुमार के साथ मिलकर 24 अगस्त 2001 को अपने पिता पूर्व विधायक रेलू रामपूनिया सहित परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था।

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इकलौते बेटे से बात करने के लिए तरस गई सोनिया

करीब 21 साल पहले अपने माता-पिता, भाई और बच्चों समेत आठ लोगों की हत्या करने वाली सोनिया को फांसी की सजा सुनाई गई थी। सजा के दौरान हरियाणा की अलग-अलग जेलों में उसका तबादला होता रहा। फिलहाल वह करनाल जेल में है, जहां रेडियो जोकी की नई पहचान के साथ सोनिया दूसरे बंदियों की जिंदगी में नए रंग भर रही है। वर्षों से सोनिया से नाराज उसका बेटा भी हाल में अपनी मां की कामयाबी को देख जेल में मिलने पहुंचा। करीब 21 साल जेल में गुजार चुकी 40 साल की सोनिया इकलौते बेटे से बात करने के लिए तरस गई थी। सोनिया के मुताबिक, जेल रेडियो उसकी जिन्दगी में खुशियों का पिटारा लेकर आया।

जेल प्रशासन भी भावुक हो उठा।

इसका सुखद नतीजा यह हुआ कि जो बेटा अपनी मां से बात तक नहीं करना चाहता था, उसने जेल आकर माना कि यह उसकी गलती थी। बेटे को महसूस हुआ कि मां जेल मे नई जिंदगी शुरू चुकी है। इसलिए मां से संबंधों को नई दिशा देनी चाहिए। 23 साल का बेटा मुलाकात करने जेल आया औऱ मां से लिपट रो पड़ा। मां-बेटे का भावुक मिलन कई बंदियों ने देखा। बेटे ने दो साल से ज्यादा समय से न मां से बात की, न संपर्क रखा। लेकिन अब जेल में आकर उसने मां से माफी मांगी। गले लगा। ये इतने मार्मिक क्षण थे कि जेल प्रशासन भी भावुक हो उठा।

खुशियों का पिटारा लेकर आया रेडियो

जेल प्रशासन भी सोनिया का मनोबल बढ़ाने का हरसंभव प्रयास करता है। जेल अधीक्षक अमित कुमार भादो सोनिया के हवाले से बताते हैं कि जेल का रेडियो उसकी जिंदगी में खुशियों का पिटारा लेकर आया है। रेडियो में आने वाली उसकी आवाज बंदी और स्टाफ सदस्य ही नहीं, बल्कि उसका बेटा भी तिनका तिनका के यू ट्यूब चैनल पर सुनता है। तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डा. वर्तिका नन्दा के मुताबिक तिनका तिनका का मकसद जेलों मे इंद्र्धनुष बनाने की कोशिश करना है। जेल रेडियो ने अब जिंदगियों को गहराई तक जाकर प्रभावित करना शुरु कर दिया है। परिवार भी उन्हें तवज्जो देने लगे हैं। करनाल जिला जेल में 2020 में एक दिन सोनिया ने तिनका जेल रेडियो शुरू होने की बात सुनी और फिर उसने बाकी बंदियों के साथ आडिशन दिया। जेल से जिन 10 बंदियों का जेल रेडियो के जाकी के तौर पर चयन हुआ, उनमें सोनिया भी थी।

देश भर में केवल दो महिलाओं को अवार्ड

2021 में तिनका तिनका प्रिजन रिसर्च सेल की स्थापना हुई। इसका उद्घाटन तब के जेल महानिदेशक के सेल्वराज (आइपीएस) ने किया था। हरियाणा की जेलों से जिन दो महिलाओं को इस सेल से जोड़ा गया, उनमें सोनिया भी थी। दिसंबर 2021 में जेल में सोनिया को जेल में उसके योगदान के लिए तिनका तिनका बंदिनी अवार्ड दिया गया। यह 2021 में भारत भर से केवल दो महिलाओं को दिया गया है। मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर नौ दिसंबर को य़े अवार्ड केंद्रीय जेल भोपाल में मध्य प्रदेश के जेल महानिदेशक अरविंद कुमार और गुजरात के जेल महानिदेशक डा. केएलएन राव ने रिलीज किए थे। डीएसपी शैलाक्षी भारद्वाज के मुताबिक, हम अपनी आंखों से देख पा रहे हैं कि जेल रेडियो में क्या जादू है ? जाकी बने जेल के सभी 10 बन्दियों की जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव आए। माहौल पूरी तरह बदल गया है। कोरोना के दौर में जेल रेडियो मानसिक खुराक बना है।

हरियाणा में 2020 में शुरू हुआ था जेल रेडियो

हरियाणा की जेलों मे 2020 में जेल रेडियो की शुरुआत हुई थी। यह कार्य तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कालेज के पत्रकारिता विभाग की प्रमुख वर्तिका नन्दा ने किया। तिनका तिनका को दो बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में जगह मिली है। इसे 2018 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी संज्ञान में लिया था। हरियाणा की 19 जेलों मे रेडियो लाया जा चुका है। करीब 50 बन्दियों को प्रशिक्षित किया गया है। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, जींद और सोनीपत में जेल रेडियो लाने की तैयारी है।


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