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पानीपत में बेकाबू होते डेंगू के केस, 184 हुई कंफर्म मरीजों की संख्या

पानीपत में एक तरफ कोरोना वायरस तो दूसरी तरफ डेंगू ने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की नींद उड़ा दी है। डेंगू के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इस समय 184 कंफर्म मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं सिविल अस्‍पताल की लैब को एलाइजा रीडर मीशन मिल गई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 09:44 AM (IST)
पानीपत में बेकाबू होते डेंगू के केस, 184 हुई कंफर्म मरीजों की संख्या
पानीपत में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ डेंगू केस भी बेकाबू हैं। इस सीजन में 184 केस कंफर्म हो गए हैं। राहत की बात यह कि सिविल अस्पताल की लैब को मिली एलाइजा रीडर मशीन रनिंग में आ गई है। अब आशंकित मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए जिला रेडक्रास सोसाइटी नहीं भेजने पड़ रहे हैं।

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जिला मलेरिया अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुनील संडूजा ने बताया कि डेंगू के आशंकित मरीजों के ब्लड सैंपल रेडक्रास ब्लड बैंक में टेस्टिंग के लिए भेजे जाते थे। अब सैंपल टेस्टिंग अस्पताल में होने लगी है। रोजाना करीब 40-50 आशंकित मरीजों के सैंपल लिए जाते हैं। एलाइजा रीडर मशीन में एक राउंड में करीब 90 सैंपल लगाए जाते हैं। सैंपलों की जांच हर दूसरे दिन हो रही है। उन्होंने बताया कि सितंबर में डेंगू के केस एकाएक बढऩे लगे, 33 मरीज मिले।

अक्टूबर में 108 केस और इस माह अब तक 35 मिल चुके हैं। कंफर्म मरीजों के घर के आसपास 60 घरों में एंटी लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है। लार्वा मिलने पर गृहस्वामियों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। सात दिन बाद पुन: निरीक्षण किया जाता है।

इस सीजन कुछ ऐसे बढ़े-घटे केस :

जून : 01

जुलाई : 01

अगस्त : 06

सितंबर : 33

अक्टूबर : 108

नवंबर : 35

साल-दर-साल केस :

2016 : 12

2017 : 469

2018 : 133

2019 : 04

2020 : अब तक 184

बचाव के तरीके :

-सोते समय मच्छर दानी का उपयोग करें।

-खिड़की दरवाजों में नेट होना चाहिए।

-घर और आसपास पानी को एकत्र न होने दें।

-अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें।

-पानी की टंकी पूरी तरह ढक कर रखें।

-फ्रीज की ट्रे रोजाना साफ करें।

-शरीर को ढ़कने वाले परिधान पहनें।

डेंगू बुखार के लक्षण :

-सिर व मांसपेशियों में दर्द।

-उल्टी आना, ग्रंथियों में सूजन।

-आंखों में दर्द होना।

टेस्ट नहीं करा रहे मरीज :

सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि डेंगू और कोरोना के आशंकित-पाजिटिव मरीज को बुखार आता है। कहीं कोरोना न हो, क्वारंटाइन होने के डर से टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं। लोगों से अपील है कि बुखार-खांसी होने पर छिपाएं नहीं, टेस्ट और इलाज कराएं।

साधारण डेंगू -

इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढ़ता है एवं इसके साथ निम्न में से दो या अधिक लक्षण भी साथ में होते हैं।

इसके लक्षण

अचानक तेज बुखार।

सिर में आगे की और तेज दर्द।

आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने  से दर्द में और तेजी।

मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द।

स्वाद का पता न चलना व भूख न लगना।

छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने

चक्कर आना।

जी घबराना, उल्टी आना।

शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।

बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्के होते हैं।

रक्त स्त्राव वाला डेंगू (डेंगू हमरेजिक बुखार)

शरीर की चमडी पीली तथा ठंडी पड जाना।

नाक, मुंह और मसूडों से खून बहना।

प्लेटलेट कोशिकाओं की संख्या 1,00,000 या इससें कम हो जाना।

फेफडों एवं पेट में पानी इकट्ठा हो जाना।

चमड़ी में घाव पड जाना।

बेचैनी रहना व लगातार कराहना।

प्यास ज्यादा लगना (गला सूख जाना)।

खून वाली या बिना खून वाली उल्टी आना।

सांस लेने में तकलीफ होना।

डेंगू शॉक सिन्ड्रोम

नब्ज का कमजोर होना व तेजी से चलना।

रक्तचाप का कम हो जाना व त्वचा का ठंडा पड जाना।

मरीज को बहुत अधिक बेचैनी महसूस करना।

पेट में तेज व लगातार दर्द।


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