सीईटीपी से जहरीली स्लज निकालना किया बंद, हटाया पाइप
सेक्टर-29-टू के कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट-वन (सीईटीपी) से जहरीला गंदगी को निकालना बंद कर दिया है। पाइप को भी हटा दिया गया है। एचएसवीपी के अधिकारियों ने संबंधित कंपनी को कड़ी चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर-29-टू के कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट-वन (सीईटीपी) से जहरीला गंदगी को निकालना बंद कर दिया है। पाइप को भी हटा दिया गया है। एचएसवीपी के अधिकारियों ने संबंधित कंपनी को कड़ी चेतावनी दी है।
दैनिक जागरण ने जमीन में जहर घोल रहा सीईटीपी हैडिग के साथ रविवार के अंक में प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित किया था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इसको गंभीरता के साथ लिया। एक्सईएन जगमाल ने रहमान बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अब्दुल रहमान से बात की। एक्सईएन ने इस तरह से टैंक से स्लज ग्रीन बेल्ट में डालने पर नाराजगी जताई। इसको तुरंत बंद करने के आदेश दिए। प्लांट इंचार्ज जितेंद्र ने रविवार सुबह ही पाइप को हटवा दिया।
जागरण नहीं जगाता तो कई दिन निकाला जाता स्लज
कंपनी टैंकों को पूरी तरह से खुले में खाली करने की तैयारी में थी, जबकि इसको उठाने के लिए गुजरात की एक कंपनी जीईपीआइएल के साथ कांट्रेक्ट है। कंपनी इसको उठाकर ले जाती है। कंपनी के अधिकारी व कर्मी इसमें लापरवाही बरत रहे थे। वे जहरीले पानी को ग्रीन बेल्ट में छोड़ रहे थे।
डायर्स एसोसिएशन ने अपग्रेड करने का उठाया था मुद्दा
डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा रविवार शाम को सीईटीपी-वन पर पहुंचे। उन्होंने सीईटीपी के निकाले जाने का मौका देखा और इंचार्ज जितेंद्र से बात की। भीम राणा ने बताया कि डायर्स एसोसिएशन ने सीईटीपी में एनजीटी के नार्म्स पूरे करने की मांग रखी थी। एचएसवीपी ने इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा है। सरकार ने इसके लिए करीब दो करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सीईटीपी को अपग्रेड करने के लिए स्लज को निकाला जा रहा था।
वर्जन :
सीईटीपी-वन से स्लज निकालकर ग्रीन बेल्ट में डालना गलत है। इसको बंद करा दिया है। संबंधित कंपनी को कड़ी चेतावनी दी है। दोबारा लापरवाही पकड़ी जाती है तो कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जगमाल, एक्सईएन, एचएसवीपी।